हरियाणा की एक डांसर जाे कभी गैंगस्टर रही, किसने करायी उसकी हत्या
सुनील वर्मा
लोकगायिका और डांसर हर्षिता दहिया |
कार में हर्षिता के अलावा उसके साथी निशा, प्रदीप कुमार, संदीप बैठे थे। हथियार बंद युवकों की धमकी मिलते ही तीनों कार से उतर गए और सडक किनारे खेत की तरफ भाग निकले। इसके बाद हथियार बंद युवकों ने कार की पिछली सीट पर बैठी हर्षिता से चंद मिनट कुछ बात की और इसके बाद कई फायर किए। चंद सेंकेड में ही लहुलुहान होकर हर्षिता कार की पिछली सीट पर ढेर हो गई। ये सब कुछ इतनी तेजी से हुआ था कि किसी को पता ही नहीं चला कि ये सब क्या हो गया है। लेकिन ये तय था कि कार में सवार होकर जो युवक आए थे उनका मकसद सिर्फ हर्षिता की हत्या करने का था। क्योंकि जान बचाकर खेत में जा छिपे हर्षिता के साथियों ने साफ देखा कि ये इत्मीनान होंने पर कि हर्षिता मर चुकी है हत्यारें जिस कार में सवार होकर आए थे उसमें बैठकर भाग निकले। हर्षिता के साथियों ने कार में दो अन्य लोगों की परछाई भी देखी थी । हत्यारों के जाने के बाद निशा, प्रदीप और संदीप खेत से बाहर निकले और उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया। ये ऐसा इलाका है जहां ट्रैफिक बहुत ज्यादा नहीं चलता। गाड़ी उस वक्त इसराना गांव से होकर गुजर रही थी। गोलिया की गूंज गांव के लोगों ने भी सुनी थी लिहाजा पांच मिनट में ही वहां गांव के लोगों और राहगीरों की भीड जुट गई। कुछ देर लोगों को सारा माजरा जानने और घटना को जानने समझने में लगी। जिस इलाके में ये घटना हुई थी वह पानीपत जिले के इसराना थाना क्षेत्र में पडता है। गांव के कुछ लोगों के साथ प्रदीप चार किलोमीटर दूर थाने पर गया और इस पूरे मामले की सूचना इसराना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी कंवर सिंह तत्काल मय फोर्स घटना स्थल पर पहुंच गए। इस दौरान कंट्रोल रूम से इस घटना की सूचना जिले के उच्चाधिकारियों को भी मिल चुकी थी। इलाके के डीएसपी देशराज और पानीपत के एसपी राहुल शर्मा भी पुलिस फोर्स तथा एफएसएल की टीम लेकर घटना स्थल पर पहुंच गए।
इस दौरान पूछताछ करने पर थाना प्रभारी कंवर सिंह को पता चला कि हर्षिता दहिया पानीपत के गांव चमराडा में एक कार्यक्रम में शामिल होकर सोनीपत के रास्ते दिल्ली जा रही थीं। वह महज पांच किलोमीटर ही आगे बढ़ी थी कि उसका पीछा कर रही कार में सवार बदमाशों ने इस वारदात को अंजाम दे दिया।
हर्षिता को कई गोली लगीं थी जबकि तीन गोलियां कार की बॉडी पर लगी थी। पहली ही नजर में लग रहा था कि हमलावर हर्षिता को ही निशाना बनाने आए थे। तभी उन्होंने सिर्फ हर्षिता को ही निशाना बनाकर गोलियां चलाई।
जिस गांव से हर्षिता कार्यक्रम में भाग लेकर लौट रही थी वहां भी उसकी हत्या की खबर पहुंच गई थी। इसलिए कुछ ही देर में घटनास्थल पर लोगों की भारी भीड जुट गई। वैसे भी हर्षिता दहिया काफी लोकप्रिय कलाकार थी। वह लोकगायिका व डांसर सपना चौधरी की तरह स्टेज शो में काफी पॉपुलर हो रही थी। दो दिन पहले ही रविवार को भी उसने एक स्टेज शो किया था। पूछताछ करने पर हर्षिता के तीनों साथी ये तो नहीं बता पाए कि हमलावर कौन थे क्योंकि उनमें से किसी को भी उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था।
इसी कार में हुई हर्षिता की हत्या |
लेकिन इतना तय था कि हत्या की इस वारदात को अंजाम किसी निजी दुश्मनी का बदला लेने के इरादे से ही किया गया था। फोरेंसिेक टीम ने घटनास्थल से फोटो और दुसरे साक्ष्य एकत्र करने का काम पूरा कर लिया तो थाना प्रभारी कंवर सिंह ने एस पी राहुल शर्मा के निर्देश पर हर्षिता के शव का पंचनामा भरवाकर उसे पोस्टमार्टम के लिए जिला सिविल अस्पताल भिजवा दिया। इसके बाद पुलिस हर्षिता के साथियों व कार को लेकर इसराना थाने पहुंच गई। जहां हर्षिता के साथी प्रदीप की शिकायत पर पुलिस ने अपराध संख्या 679 पर भा.द.स की धारा 302,506 व 120 बी में मुकदमा पंजीकृत कर लिया। एसपी राहुल शर्मा के निर्देश पर हत्या की विवेचना का काम थाना प्रभारी कंवर सिंह ने खुद अपने हाथ में ले लिया और डीएसपी देशराज को विशेष टीम बनाकर जल्द से जल्द हत्या की गुत्थी सुलझाने व हत्यारों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए।
इधर, थाना प्रभारी कंवर सिंह भी अपनी टीम के साथ जांच कार्य में लग चुके थे। उन्हें हर्षिता के साथियों से पूछताछ में पता चला था कि हर्षिता कुरुक्षेत्र के सांसद राजकुमार सैनी की प्रस्तावित रैली के विरोध में हुई एक बैठक से लौट रही थी। अपने साथियों के साथ वह कार से सोनीपत होकर दिल्ली जा रही थी। तभी पानीपत के पास इसराना के एक में एक कार ने उन्हें ओवरटेक करके इस वारदात को अंजाम दिया ।
जांच अधिकारी कंवर सिंह को अपने मुखबिरों और मीडिया की कुछ रिपोर्ट्स से ये भी पता चला कि हर्षिता दहिया म्यूजिक कंपनियों द्वारा गायकों के शोषण के खिलाफ बड़े स्तर पर एक मुहिम भी चला रही थी। इसे लेकर वो खुद कई बार कह चुकी थी कि उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। इन म्यूजिक कंपनियों के खिलाफ हर्षिता दहिया और कुछ अन्य कलाकारों ने सोनीपत के देवीलाल पार्क में एक बड़े स्तर पर कार्यक्रम भी किया था और कंपनियों के संचालकों को खुले आम चुनौती भी दी थी।
डीएसपी देशराज ने कई पुलिस कर्मियों को इस काम पर लगा दिया कि वे पता लगाए कि हर्षिता दहिया किन म्यूजिक कंपनियों के साथ एलबम में काम कर चुकी थी और किन कंपनियों को उसकी मुहिम से परेशानी महसूस हो रही थी। जिसके बाद पता चला कि
सोनीपत के खरखौदा के दो कलाकारों तनु व मनु से हर्षिता का विवाद चल रहा था। वे दोनों म्यूजिक कंपनी भी चलाते हैं। विवाद होने पर दोनों ने हर्षिता को धमकी दी थी। इस पर 12 अक्टूबर को हर्षिता ने खाप को एकत्रित होने के लिए कहा था। हर्षिता ने अपनी मौत से कुछ दिन पहले ही अपने फेसबुक पर एक वीडियो शेयर किया था जिसमें उसने अपनी जान को खतरा बताया था। इस वीडियो में हर्षिता ने बता था, ‘ ‘कुछ दिन पहले तक बहन कहने वाले आज मुझे पीठ पीछे धमकी दे रहे हैं। हिम्मत हैं तो सामने आएं. वह कहते हैं कि 376 और 302 से नहीं डरते। मैं भी धारा 302 से नहीं डरती। मुझे अनाथ बता रहे हैं. हां, मैं अनाथ हूं। इसका फायदा उठाऊंगी। मैं धारा 302 लगवाकर जेल जाऊंगी, क्योंकि मेरे पीछे रोने वाली मां नहीं है।”
जांच अधिकारी कंवर सिंह ने आईटी विशेषज्ञों की एक टीम बुलाकर हर्षिता के फेसबुक पेज को खंगालने का काम शुरू कर दिया था जिससे उन्हें लग रहा था कि हो न हो हत्या का सूत्र इन्हीं धमकियों में से कहीं मिलेगा। उसके पेज में एक जगह फेसबुक लाइव के जरिए बताया था कि कोई उन्हें कोई पर लगातार धमकी दे रहा है। हर्षिता द्वारा सोशल मीडिया पर जारी कई गई एक तस्वीर में मशहूर डांसर सपना चौधरी के साथ तनु खरखौदा नाम के कलाकार और म्यूजिक कंपनी के संचालक पर उसने सीधे तौर धमकी देने का आरोप लगाया था। ये पोस्ट 8 अगस्त का था।
इतना ही नहीं उसी रात को कंवर सिंह ने हर्षिता के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल निकलवाने के लिए अपनी टीम को काम पर लगा दिया। ताकि पता चल सके कि उसे कौन लोग धमकी दे रहे हैं। जांच अधिकारी ने इस बात की पडताल भी शुरू कर दी कि हर्षिता फिलहाल किसके संपर्क में थी। इस दौरान हर्षिता की साथी निशा ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि हर्षिता काफी समय से नरेला में रह रही थी। हर्षिता ने उसे भी बताया था कि उसे फोन पर हत्या की धमकी मिल रही है। निशा ने बताया कि वह कार में हर्षिता के साथ ही पीछे वाली सीट पर बैठी थी।
निशा ने बताया कि वह तीन दिन पहले ही फेसबुक के जरिये हर्षिता के संपर्क में आई थी। उसे हर्षिता के परिवार के बारे में इससे ज्यादा जानकारी नहीं है। इसके बाद गुमड़ गांव के रहने वाले संदीप ने पूछताछ में बताया कि चार दिन पहले ही उसकी भी फेसबुक के जरिये हर्षिता से बातचीत हुई थी। हर्षिता किसानों व 36 बिरादरी के बारे में बातें करती थी। हर्षिता ने उसे नहीं बताया था कि उसे जान का खतरा है। लेकिन वह उसका प्रशंसक था इसलिए चमराडा के कार्यक्रम में उसके साथ आ गया था।
इसके बाद हर्षिता की हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराने वाले सोनीपत के गांव राठधाना निवासी प्रदीप कुमार ने पुलिस को बताया कि वह पेशे से गायक, लेखक व कलाकार है। पिछले 15 अक्टूबर को ही सोनीपत के देवीलाल पार्क में कई हरियाणवी कलाकर आए हुए थे। वहीं पर उसकी मुलाकात हर्षिता दहिया, गुमड़ गांव के संदीप पहल उर्फ शैंडी और बल्लभगढ़ की संजय कालोनी की निशा से हुई थी। उसने बताया कि 17 अक्टूबर की सुबह आठ बजे संदीप ने उसे फोन करके बताया कि गाड़ी लेकर इसराना क्षेत्र के चमराड़ा गांव की चौपाल में जाना है। वहां पर सांसद राजकुमार सैनी की प्रस्तावित रैली के खिलाफ युवा किसान जागृति मिशन द्वारा 36 बिरादरी के भाईचारे के लिए कार्यक्रम है। इसके बाद वह अपनी कार से संदीप, निशा और हर्षिता को लेकर गांव चमराडा गांव में पहुंचा। वहां एक घंटे के कार्यक्रम के बाद उन्होंने गांव की सरपंच सुमन देवी के घर खाना खाया।
प्रदीप ने जांच अधिकारी को बताया कि इसके बाद दोपहर करीब चार बजे बजे वह चारों नरेला के लिए चल दिए। उसके साथ आगे की सीट पर संदीप और पीछे की सीट पर हर्षिता और निशा बैठी थी। अचानक पुगथला रोड पर मुर्गी फार्म के पास काले रंग की फोर्ड फिगो कार में सवार बदमाशों ने कार अड़ाकर उनकी गाड़ी रुकवा ली। कार से पहले एक बदमाश उतरा और उसने कहा कि उसे हर्षिता से हिसाब चुकता करना है, इसलिए बाकी तीनों कार से उतरकर भाग जाएं, नहीं तो उनकी भी जान जाएगी।
इस पर वह, संदीप व निशा खिड़की खोलकर खेतों की तरफ भाग गए। तब तक कार से दूसरा बदमाश भी उतर आया था और दोनों ने हर्षिता को गोलियों से भून डाला। पूछताछ में पता चला कि सोनीपत के गांव मोहम्मदपुर स्थित नाहरा गांव की मूल निवासी हर्षिता दहिया फिलहाल अपनी बहन लता के साथ दिल्ली के नरेला में रह रही थी।
हर्षिता के साथियों से पूछताछ के बाद शुरूआती जांच में ही पुलिस को लगा कि हो सकता है हर्षिता की हत्या के मामले में कोई राजनीतिक वजह छिपी हो क्योंकि वह सांसद राजकुमार सैनी की रैली को लेकर विरोध में सभाए कर रही थी। इसके अलावा पुलिस को दूसरा शक लगा कि किसी म्यूजिक कंपनी से विवाद के कारण भी हर्षिता की हत्या एक वजह हो सकती है।
घटना वाले दिन हर्षिता दहिया सांसद राजकुमार सैनी की रैली का विरोध करने वाले संदीप भारती के कार्यक्रम में चमराड़ा गांव में पहुंची थीं। वहां उन्होंने कोई डांस का शो भी नहीं किया बल्कि किसानों को साथ देने की बात कही थी। कहीं इस आयोजन में बुलाने के पीछे आयोजकों की हत्यारों से मिलीभगत तो नहीं। यहीं सोचकर डीएसपी देशराज ने इस कार्यक्रम के आयोजक क्रांतिकारी स्टूडेंट आर्गेनाइजेशन के नेता संदीप भारती को भी रात में ही थाने बुलाकर पूछताछ की । संदीप भारती ने बताया कि किसानों की आवाज उठाने और हर वर्ग को एकजुट करने के लिए क्रांतिकारी स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन के माध्यम से हमने जागृति अभियान चलाया हुआ है। 17 अक्टूबर को उन्होंने पानीपत जिले के चमराड़ा गांव में सभा की थी। इसी कार्यक्रम में हमें समर्थन देने के लिए हर्षिता दहिया पहुंची थीं। इससे पहले वे वे कभी उनसे नहीं मिले थे। हर्षिता को इस सभा की जानकारी अपने किसी समर्थक से मिली थी जिसके बाद वे वहां पहुंची। जिसके लिए एक रात पहले हर्षिता ने कार्यक्रम में पहुंचने के लिए फेसबुक पर अपील करते हुए एक वीडियो भी शेयर किया था। कार्यक्रम में पहुंचने के बाद हर्षिता ने इस मिशन को अपना समर्थन देने की बात कही। इस दौरान उन्होंने कोई धमकी मिलने या किसी घटना के बारे में चर्चा नहीं की। हमारा अगला कार्यक्रम जाटल गांव में होना प्रस्तावित था लिहाजा वे अपने साथियों के साथ चमराडा गांव से जाटल की तरफ चले गए जबकि हर्षिता संदीप ऊर्फ शैंडी, निशा और प्रदीप के साथ नरेला के लिए रवाना हो गई थी। हां इस पूछताछ में संदीप भारती व उनके साथ आयोजन में लगे कुछ लोगों से डीएसपी देशराज को एक काम की बात पता चली कि जिस काले रंग की फोर्ड फिगों कार में सवार होकर बदमाशों ने हर्षिता की हत्या की थी उसे चमराडा गांव में भी समारोह स्थल के पास देखा गया था।
इसका मतलब साथ था कि हत्यारों को पहले से पता था कि हर्षिता इस समारोह में पहुंचेगी ओर वे पहले से उसका पीछा कर रहे थे। यानि हत्या पूरी योजना के साथ की गई थी।
इस बीच डीएसपी के निर्देश इसराना थाने की एक पुलिस टीम दिल्ली के नरेला स्थित स्वतंत्र नगर के मकान नंबर 352 में रहने वाली हर्षिता की बहन लता दहिया के पास पहुंच गई थी। जहां उन्होंने परिवार को इस बात की खबर दी कि हर्षिता की अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी गई है । इस सूचना के बाद घर में कोहराम बच गया। हर्षिता की बहन लता और खुद हर्षिता ने यह मकान मौसी के घर के पास ही बनाया था। जानकारी मिलने पर मौसी का परिवार भी वहीं आ पहुंचा। मौसेरे भाई रविन्द्र कादियान को साथ लेकर लता अगली सुबह ही पानीपत जिला अस्पताल पहुंच गई जहां हर्षिता का शव पोस्टमार्टम के लिए सुरक्षित रखा गया था। लता ने देखते ही अपनी बहन के शव का पहचान लिया। दोपहर होते होते पोस्टमार्टम के बाद हर्षिता का शव पुलिस ने उसके परिजनों को सोंप दिया। जिसका उसी शाम को अंतिम संस्कार भी कर दिया गया।
इस दौरान 18 अक्टूबर की देर शाम तक पुलिस को पता चला कि हर्षिता की हत्या 7 एमएम की पिस्टल से की गई थी। हर्षिता के शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर राजीव मान ने जांच अधिकारी को बताया कि हर्षिता के शरीर पर 8 गोलियों के घाव थे। हांलाकि उसके शरीर से तीन ही गोलियां बरामद हुई हैं। इनमें से एक गोली हर्षिता की छाती के नीचे वाले हिस्से व दो पिछले हिस्से से मिली हैं। शेष गोलियां शरीर के पार हो गईं। गोलियों के अलावा शरीर के किसी हिस्से में चोट का कोई निशान नहीं मिला ।
हर्षिता का मौसेरा भाई रविन्द्र कादियान |
शाम होने तक सभी कामकाज से फारिग होने पर डीएसपी देशराज ने लता को थाने बुलवाकर पूछताछ शुरू की । ताकि पता चल सके कि परिवार को हर्षिता की हत्या में किसी पर शक तो नहीं है। किसी से उसकी ऐसी दुश्मनी होगी तो इसका सुराग भी परिवार वालों से ही मिलेगा। लेकिन पूछताछ के बाद लता ने पुलिस को जो कुछ बताया उसने इस हत्याकांड की थ्योरी ही बदल दी।
दरअसल हर्षिता की बड़ी बहन लता ने पुलिस को बताया कि उसकी बहन हर्षिता की हत्या उसके जीजा यानि लता के पति दिनेश कराला ने करवाई है। जो इस वक्त झज्जर जेल में बंद है।
‘लेकिन दिनेश ऐसा क्यों करेगा वो भी जेल में रहते हुए।‘ डीएसपी देशराज ने हैरानी भरे स्वर में पूछा।
तब लता दहिया ने बताया, 'मेरी बहन हर्षिता मेरी मां प्रेमो देवी की हत्या के मामले में चश्मदीद गवाह थी, और उनकी हत्या मेरे पति दिनेश ने की थी। दिनेश बार-बार जेल से धमकी दिलवा रहा था कि वह गवाही देने से मुकर जाए नहीं तो वह हर्षिता को भी मां के पास पहुंचा देगा।'
‘सर अब मेरी मां की हत्या के केस में मेरी बहन की अदालत में गवाही की तारीख एकदम करीब आ रही थी और दिनेश की धमकी देने का सिलसिला भी तेज हो गया था। मुझे पूरा यकीन है कि दिनेश ने ही उसकी हत्या करवाई है।’
‘लेकिन दिनेश ने तुम्हारी मां की हत्या क्यों की’ डीएसपी देशराज ने उलझन भरे अंदाज में पूछा।
‘दरअसल मां की हत्या से पहले दिनेश ने मेरी बहन हर्षिता को स्कूल से उठा लिया था और उसके साथ जबरन मुंह काला किया था। इस मामलें की जब मेरी मां ने दिल्ली के कंझावला थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी तो दिनेश फरार हो गया। वो तो पहले से ही क्रिमिनल था। पुलिस ने उस पर 25 हजार का ईनाम भी रख दिया। बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन जेल जाने के बाद से ही वो मेरी मां को धमकी देने लगा कि हर्षिता के साथ हुए रेप की रिपोर्ट मेरी मां वापस ले ले और हर्षिता को भी धमकाने लगा कि वह कोर्ट में गवाही ने दे वरना वो मां-बेटी दोनों को मार डालेगा। बस जब हम लोग दबाव में नहीं आए तो उसने जेल से बाहर आते ही मेरी मां की दिसंबर 2014 में हत्या कर दी।’
डीएसपी देशराज अब हत्या के कारणों की जड तक पहुंच चुके थे। उन्होंने उसी रात जांच अधिकारी कंवर सिंह को निर्देश दिया कि वह जल्द से जल्द पता करें कि दिनेश कराला किस जेल में और उसे प्रोडक्शन वारंट पर लेकर रिमांड पर लें और पूछताछ करें।
रात भर कई थानों और दिल्ली पुलिस से संपर्क करने पर जांच अधिकारी कंवर सिंह को पता चल गया कि दिल्ली के कराला गांव का रहने वाला दिनेश मर्डर, रेप, लूट जैसे 12 मामलों में आरोपी है। इन दिनों वह झज्जर जेल में बंद है। इसके आगे की राह काफी आसान थी।
सुबह होते ही जांच अधिकारी कंवर सिंह व डीएसपी देशराज ने पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा को विवेचना की प्रगति से अवगत कराते हुए अग्रिम आदेश लिए तो उन्होंने भी दिनेश कराला को रिमांड पर लेने का आदेश दिया। उसी दिन जांच अधिकारी कंवर सिंह ने पानी कार्ट में दिनेश कराला को प्रोडक्शन वारंट पर लेने की अर्जी दी। जिस पर अगले दिन की तारीख तय की गई। अगले दिन लता दहिया के बयान के आधार पर अदालत ने दिनेश कराला को पूछताछ के लिए चार दिन के पुलिस रिमांड सौंप दिया । इसराना थाने में लाने के बाद पहले तो दिनेश कराला कई घंटे तक पुलिस को बरगलाता रहा कि जेल में बंद वह भला किस तरह हर्षिता की हत्या करा सकता है लेकिन जब पुलिस ने अपने तरीके से दिनेश से पूछताछ शुरू की तो पह जल्द ही टूट गया और उसने बता दिया कि उसने ही जेल में रहकर हर्षिता की हत्या की साजिश रची थी। पूछताछ के दौरान दिनेश ने बताया कि उसने अपने साथी जितेंद्र गोगी के साथ मिलकर जेल में हत्या की साजिश रची थी।
पुलिस का कहना है कि जितेंद्र गोगी एक हिस्ट्रीशीटर अपराधी है और फिलहाल जेल से बाहर है। गोगी ने अपने साथी कुलदीप उर्फ फज्जा, इमरान व एक अन्य साथी के साथ मिलकर हर्षिता की हत्या को अंजाम दिया। उसके साथी अक्सर दिनेश से जेल में भी मिलने आते रहते थे और कोर्ट में पेशी के दौरान होने वाली तारीखों पर भी मिलते थे। उसी दौरान उसने उन्हें हर्षिता को ठिकाने लगाने का आदेश दिया। दिनेश कराला ने पुलिस को बताया कि उसने हर्षिता व लता को कई बार खबर भिजवाई थी कि वे गवाही देने से पीछे हट जाए लेकिन वे खबर देने वाले से उलटा जवाब भिजवाकर कह देती कि वे ठोक कर गवाही देंगी और उसे फांसी के फंदे तक पहुंचाऐंगी। समय धीरे-धीरे खत्म हो रहा था और गवाही देने की तारीख नजदीक आती जा रही थी। लिहाजा कोई दूसरा रास्ता न देखकर दिनेश ने हर्षिता को रास्ते से हटाने का फैंसला लिया और अपने शूटरों से उसकी हत्या करवा दी।
कौन थी हर्षिता दहिया
हरियाणा सोनीपत के मोहम्मदपुर नाहरा गांव की रहने वाली 21 साल की हर्षिता दहिया अपनी मौसी के पास दिल्ली के नरेला स्थित स्वतंत्र नगर में रहती थी। हर्षिता दहिया अपने माता पिता की मौत के बाद से ही मौसी के पास ही मकान बनाकर रह रही थी। लता के अलावा हर्षिता दहिया की एक और सबसे बड़ी बहन मीनू है, जिसकी शादी दिल्ली के बिजवासन में हुई है।
वैसे हर्षिता दहिया का असली नाम गीता था। स्कूल से लेकर हर प्रमाण पत्र में उसका नाम गीता ही है। परिवार के सभी सदस्य भी उसे गीता के नाम से ही जानते थे। उसने अपना नाम प्रोफेशनल डांसर बनने के समय बदला था।
हर्षिता को स्कूल के समय से ही गाने और नाचने का शौक था। उसके मामा के बेटे रविन्द्र कादियान ने बताया कि हर्षिता ने कभी सोचा नहीं था कि वो अपने शौक को अपना पेशा बना लेगी। हर्षिता केवल 12 वीं कक्षा तक पढ़ी थी, जो उसने नरेला के एक स्कूल से की थी। इसके बाद उसने बीए में कॉलेज में एडमिशन तो लिया लेकिन पारिवारिक परेशानियों और अपने प्रोफेशन के कारण उसने पढ़ाई छोड़ दी थी।
हर्षिता अपनी मां के साथ |
हर्षिता की जिंंदगी खराब करने वाला उसका अपराधी जीजा दिनेेश |
लेकिन इस दौरान दिनेश के मन में क्या चल रहा है किसी को नहीं मालूम था। एक दिन हर्षिता को उसके जीजा दिनेश ने स्कूल के बाहर से अपहरण कर लिया। इसके बाद दिनेश ने उसके साथ रेप किया ओर धमकी दी की ये बात वो किसी को न बताए। दिनेश की इस दरिंदगी के बात जब हर्षिता ने अपनी मां को आकर बतायी तो उसकी मां प्रेमो देवी ने मई 2014 में कंझावला थाने में लता के पति दिनेश पर दुष्कर्म का मामला दर्ज करा दिया था। दिनेश ने पहले उसकी मां पर दबाव बनाया कि वह मुकदमा वापस ले लें। जब वह दबाव में नहीं आयी तो जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद दिनेश ने 17 दिसंबर 2014 में उसकी मां प्रेमों देवी की हर्षिता के सामने ही हत्या कर दी। नरेला थाना क्षेत्र में हुई इस हत्या के मामलें में हर्षिता चश्मदीद गवाह थी। लता की मानें तो दिनेश ने जेल से ही हर्षिता की हत्या की साजिश रची और फिर उसे अंजाम दिया। दिनश हर्षिता और लता की मां पर समझौते का दबाव बनाता था, लेकिन उन्होंने समझौते से साफ मना कर दिया था।
चूंकि हर्षिता का कोई भाई नहीं था इसलिए वह तीनों बहनें अपनी मां को राखी बांधती थी। यहीं कारण था कि तीनों ही बहने अपनी मां को बहुत प्यार करती थी। हर्षिता इसी कारण जान की धमकी मिलने के बावजूद गवाही देने से पीछे नहीं हट रही थी। अपनी मां की मौत के बाद रक्षाबंधन पर फेसबुक पर जिक्र करते हुए हर्षिता ने लिखा था कि आज मां की बहुत याद रही है। मां ने कभी भाई होने का अहसास नहीं होने दिया। वह हर रक्षाबंधन पर खुद राखी बंधवाती थी। मिस यू मां।
जीजा से बदला लेने के लिए बन गई थी गैंगस्टर
रेपिस्ट जीजा से बदला लेने के लिए जब बनना पड़ा गैंगस्टर |
जांच अधिकारी कंवर सिंह को सोनीपत के सीआइए स्टाफ के इंस्पेक्टर इन्द्रवीर से पता चला कि 2 मई 2016 में रविंद्र पुगथला को सोनीपत के कामी रोड पर गिरफ्तार करने गई सोनीपत सीआईए टीम के साथ हर्षिता व उसके साथियों की मुठभेड़ हुई थी। रविन्द्र तो किसी तरह फरार हो गया लेकिन हर्षिता और उसके दो साथियों को पुलिस ने देसी पिस्तौलों के साथ गिरफ्तार कर लिया था। उस समय हर्षिता से अवैध हथियार बरामद हुए थे। इस मामलें का मुकदमा थाना सदर पानीपत में दर्ज हुआ था।
पुलिस पर फायरिंग करने के मामले में हर्षिता ने तब नाबालिग का सर्टिफिकेट पेश करके जमानत हासिल कर ली थी। इस मामले में अभी तक वह जमानत पर ही चल रही थी। जबकि उसका साथी शक्ति अब भी जेल में है। हालांकि सोनीपत सीआईए और एसआईटी की टीम ने रविंदर पुगथला को 10 फरवरी 2017 को एक एनकाउंटर में मार गिराया था। शक्ति के जेल में बंद होने और रविन्द्र के मारे जाने के बाद दिनेश के लिए हर्षिता को रास्ते से हटाना आसान हो गया और उसने पूरी साजिश जेल में बैठकर ही रच डाली।
हालांकि दिनेश कराला से पूछताछ के बाद पुलिस हर्षिता की हत्या में शामिल उसके हत्यारों जितेन्द्र गोगी, कुलदीप उर्फ फज्जा, इमरान व चौथे अज्ञात बदमाश की गिरफ्तारी के लिए रात दिन छापेमारी कर रही है संभवत: वे जल्द ही गिरफ्तार भी हो जायेंगे। लेकिन पुलिस को अभी भी शक है कि जिस तरह हर्षिता ने अपने बेबाक अंदाज से अपने दुश्मनों और विरोधियों की जमात तैयार कर ली थी हो सकता है उसका फायदा उठाकर उन लोगों ने भी दिनेश कराला को हर्षिता की हत्या की सुपारी दी हो। लिहाजा पुलिस आरोप पत्र दाखिल करने से पहले हत्या के इन तमाम पहलुओ पर भी जांच पड़ताल कर रही है।
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हरीवुड की स्टार डांसर बनना चाहती थी हर्षिता
हर्षिता दहिया हरियाणा में सपना चौधरी की तरह ही तेजी से लोकप्रिय हो रही थी। महज डेढ साल में वह फेमस लोकगायिका और डांसर बन गई थी। उसने हरियाणा की सबसे लोकप्रिय डांसर सपना चौधरी से भी ज्यादा फेमस होने का ख्वाब संजो रखा था। उसके धमाकेदार डांस 'तेरी झोल पिया न सह पाऊंगी' को यूट्यूब पर अब तक 60 हजार से ज्यादा लोग देख चुके हैं। हर्षिता दहिया का ये डांस वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। वह अपने डांस के वीडियों को यूट्यूब पर अपलोड करके सोशल मीडिया पर शेयर करती थी। अपनी गजब की खूबसूरती, शानदार परफार्मेंस और बोल्ड अंदाज के कारण हर्षिता काफी तेजी से फेमस हुई थी।
हरियाणा के हरीवुड में लक्की बॉय के नाम से जाने वाले मुकेश बैरागी जैसे कलाकार भी इस उभरती डांसिंग स्टार हर्षिता के फैन थे। मुकेश बैरागी के फेसबुक वॉल पर हर्षिता दहिया के साथ नजर आती उनकी कई फोटो इस बात की गवाह है। हर्षिता एक जानी मानी डांसर होंने के साथ अपनी खूबसूरती और अपने बिंदासपन के लिए भी जानी जाती थी। उसका बिंदासपन कुछ लोगों के लिए भारी भी पड़ जाता था। क्योंकि अक्सर हर्षिता दहिया अपने फेसबुक पर लाइव आकर हरीवुड के कुछ आर्टिस्ट के बारे में बेझिझक होकर बोलती थी जिससे उन आर्टिस्टों को कुछ परेशानी का सामना करना पड़ जाता था।
वैसे हर्षिता की फेसबुक पोस्टों का पढ़े तो वो इसमें कुछ गलत नहीं मानती थी क्योंकि वो सिर्फ कुछ ऐसे आर्टिस्ट की टांग खींचती जिन्होंने जनता के सामने शराफत का नकाब ओढ़ रखा होता है । अब हर्षिता अपने इस दावे में कहाँ तक सही थी ये तो वो खुद ही जानती होंगी लेकिन उनके लाइव आकर बोलने के स्टाईल और बिंदासपन को लोग पसंद करने लगे थे। यही वजह है की हर्षिता के फैन में भी अच्छा ख़ासा इजाफा हो रहा था।
इसके अलावा हर्षिता ने तनु, मनु खरखौदा के साथ भी एक सोंग में भी काम किया है। इन्हीं से बाद में उसका विवाद हो गया था और आरोप है कि उनसे ही हर्षिता को धमकियां मिल रही थी इसका जिक्र हर्षिता ने फेसबुक पर पोस्ट किए गए अपने यू ट्यूब वीडियों में भी किया था।
‘सुहागरात’ गीत उनका सबसे पहला फेमस लोकगीत था। इसी के बाद वे हरीवुड में सपना चौधरी की कंपटीटर बनी थी । वैसे हर्षिता खुद की तुलना डांसर सपना चौधरी से ही करती थी। इतना ही नहीं हर्षिता ने रिएलिटी शो बिग बॉस के लिए भी खुद को सपना से बेहतर बताया था उन्होंने फेसबुक पर सपना के चयन को हरियाणा के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बताया था।
सपना चौधरी की ही तरह हर्षिता भी रागिनी गाती थी और इन पर डांस परफॉर्म भी करती थी। पूरे हरियाणा में कहा जाता है कि सपना चौधरी के साथ मिलकर हर्षिता रागिनी की प्रसिद्धि को बढ़ा रही थी। हर्षिता के स्टेज शो का वीडियो इंटरनेट पर भी काफी देखा जाता है। वह अब तक रागिनी के 7 एलबम लांच कर चुकी थी।
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