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एक कातिल हसीना सेे जिदंगी हार गया इंटरनेशनल बॉक्सर

एक कातिल हसीना सेे जिदंगी हार गया इंटरनेशनल बॉक्सर



जितेन्द्र मान
सुनील वर्मा

‘उर्फ ये मान का बच्चा भी ना बहुत ही कमीना हो गया है आजकल। बंदा कल से फोन ही बंद करके बैठा है। अगर सो भी रहा है तो ऐसी भी क्या नींद कि कल से नींद ही पूरी नही हुई। उपर से चौधरी साब ने फोन करके और जान खा रक्खी है।’
कई बार कॉल करने के बाद भी जब प्रीतम का फोन मान के फोन से कनेक्ट नहीं हुआ तो प्रीतम  नही मन बड़बड़ाते हुए ये सोचने पर मजबूर जरूर हो गया कि कुछ अनहोनी तो नहीं हो गई है। मान थोड़ा आलसी और नींद का कच्चा जरूर है लेकिन इतना लापरवाह कभी नहीं था कि बंदा अपना काम धंधा छोड़कर फोन बंद करके ही आराम फरमाने लगे।
‘कहीं कोई गड़बड़ या कोई और बात तो नहीं।’
कई तरह के बुरे खयालों के बीच प्रीतम लगातार बड़बडा रहा था। चिंता के कारण उसके माथे की लकीरे मोटी होती जा रही थी। होना भी लाजिमी थी।
मान को लेकर प्रीतम की चिंता बिना वजह नहीं थी। 10  जनवरी की दोपहर बाद जितेन्द्र मान जिसे सब प्यार से मान कहते थे उससे प्रीतम की आखरी बार फोन पर बातचीत हुई थी। उस वक्त प्रीतम रोहतक में हो रही एक बॉक्सिंग चैंपियनशिप का रेफरी बनकर रोहतक आया हुआ था। जब बात हुई थी तो उसने बताया कि वह घर पर ही है और आराम कर रहा है। पूछने पर मान ने यहीं बताया था कि थोड़ी देर पहले ही वह जिम से वापस आया है। उसके बाद प्रीतम अपने काम में व्यस्त हो गया और उस दिन दोबारा बात नहीं हो सकी। 11  जनवरी को उसने दोपहर से लेकर शाम तक कई बार मान के मोबाइल पर फोन लगाकर बात करनी चाही लेकिन हर बार यही जवाब मिला कि उसका मोबाइल स्विच अॉफ है।
अगले दिन यानि 12  जनवरी को प्रीतम रोहतक से अपना काम निबटाकर दिल्ली में अपने घर मुनिरका लौट रहा था, तभी ग्रेटर के जिम में उसके पार्टनर नितिन चौधरी ने फोन करके उससे पूछा कि मान कल भी जिम नहीं आया था और आज भी जिम नहीं पहुंचा, जिम आने वाले मेंबर और मान के क्लांइट नाराज हो रहे हैं।
नितिन ने प्रीतम से सवाल किया कि ‘मान जिम क्यों नहीं आ रहा उसकी तबियत तो ठीक है ना, क्योंकि उसका मोबाइल भी स्विच अॉफ है।
चिंता होंने के साथ प्रीतम को मान पर गुस्सा भी आया। क्योंकि उसे तो खुद ही नहीं पता था कि जनाब फोन बंद करके क्यों बैठे हैं।
प्रीतम जल्द से जल्द अपने घर पहुंच जाना चाहता था। दोपहर करीब12  बजे वह अपने घर मुनिरका पहुंंच गया। इस दौरान नितिन का दोबारा फोन आया कि मान अभी भी जिम नहीं पहुंचा और उसका मोबाइल भी स्विच अॉफ है।
कहीं ऐसा तो नहीं कि मान का फोन कहीं खो गया हो, खराब हो गया हो।
अगर ऐसा है तो अभी मालूम हो जायेगा।
प्रीतम ने अपने जिम के इंसट्रेक्टर गौरव को फोन लगाया जो ग्रेटर नोएडा में ही रहता है।
‘हां सर क्या  हुआ।’ फोन पर दूसरी ओर से गौरव ने पूछा
‘गौरव तुमने मान का फ्लैट देखा है ना‘ प्रीतम ने पूछा
‘जी हां सर कई बार जा चुका हूं वहां पर‘ गौरव ने उत्तर दिया।
‘तुम तुरंत उसके रूम पर जाकर देखो कि उसने अपना फोन क्यों बंद किया हुआ है और वहां पहुंचते ही उससे मेरी बात कराना।‘
गौरव का निर्देश देकर प्रीतम फिर से अपने काम में लग गया। उसे भी जल्द ही अपने नए मकान में भी शिफ्ट करना था। 4 दिसंबर को ही प्रीतम की शादी हुई थी। तब तक वह भी जिला गौतमबुद्धनगर के ग्रेटर नोएडा के सेक्टर जीटा एक की एवीजे हाईटस सोसाइटी के फ्लैट नंबर एच 606  में मान के साथ ही रहता था। लेकिन शादी के बाद अब प्रीतम को बडे मकान की जरूरत थी। लिहाजा प्रीतम ने ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 150  में एटीएस सोसाइटी में एक बडा फ्लैट खरीद लिया जल्द ही वह अपनी पत्नी के साथ वहां शिफ्ट होंने वाला था। इसीलिए वह रोहतक से सीधा अपने पैतृक घर मुनिरका आ गया और गाडी में कुछ सामान भरकर पत्नी के साथ ग्रेटर नोएडा निकलने की तैयारी कर रहा था। प्रीतम को ग्रेटर नोएडा के सेक्टर अल्फा में कमेर्शियल बेल्ट के ब्लॉक-ए में कसाना टॉवर के तीसरे फ्लोर पर अल्टीमेट फिटनेस एकेडमी के नाम से एक जिम था जिसमें नितिन चौधरी उसका पार्टनर था। यूं तो जिम में कई इंसट्रक्टर थे लेकिन जिम का असली ट्रेनर उसकी बुआ का लड़का जितेन्द्र मान ही था। बचपन से दोनों साथ पढ़े लिखे और जवान हुए थे। दोनों ने एक साथ बॉक्सिंग शुरू की थी और इसे अपना करियर बनाया था। इसलिए दोनो की एक दूसरे से खूब पटती भी थी।
पत्नी के साथ प्रीतम मुनिरका से निकलने की तैयारी कर ही रहा था कि तब तक गौरव का फोन आ गया ‘भाई जी मान भाई का फ्लैट तो बाहर सेे लॉक है शायद वे कहीं बाहर गए हुए हैं।‘
‘लगता है कुंभकर्ण की नींद सो रहा है कमीना। खुद बाहर से लॉक करके खिड़की के रास्ते अंदर चला गया होगा, सब जानता हूं मैं इसकी हरकतों को पहले भी कई बार ऐसा कर चुका है। तुम वहीं रूकों मैं घंटे भर में वहां पहुंच रहा हूं फिर देखता हूं इसे।‘ कहते हुए उसने फोन डिस्कनेक्ट कर दिया। प्रीतम समझ गया कि मान फ्लैट के भीतर ही होगा और सो रहा होगा, क्योंकि जब वह उसके साथ ही रहता था तब भी वह कई बार पूरे दिन और पूरी रात सोता रहता था और  फ्लैट को बाहर से लॉक करके खिड़की के रास्ते भीतर चला जाता था। इस बात के लिए वह पहले भी उसे डांट चुका था। लेकिन आज उसकी इस हरकत ने प्रीतम का पारा कुछ ज्यादा ही चढ़ा दिया था। उसने गौरव से कहा कि वह मान की सोसाइटी में ही रूके कुछ देर में वह खुद वहां पहुंच रहा है। इसके बाद प्रीतम ने अपनी पत्नी को साथ लिया और तेजी से ड्राइव करते हुए घंटे भर में मुनिरका से ग्रेटर नोएडा में एवीजे हाईटस सोसाइटी पहुंचा गया। सोसाइटी के गेट पर ही गौरव खड़ा था। उसने गाडी से मान के फ्लैट की चाभी निकाली और अपनी पत्नी तथा गौरव को साथ लेकर छठे फ्लोर पर मान के फ्लैट पर पहुंचा और मुख्यद्वार खोलकर अंदर प्रवेश किया। लॉबी को पार करते ही वह कमरा था जिसे मान ने अपना बेडरूम बनाया हुआ था। 
बेडरूम को दरवाजा थोडा खुुला था जिससे साफ दिख रहा था कि जमीन पर गद्दे डालकर बनाए गए बेड पर कोई सिर तक कंबल ओढ़कर सोया था।
सृष्टि गुप्ता
‘ये देखो कमीना कंबल तानकर कुंभकर्ण की नींद सोया हुआ है और हम यहां परेशान हो रहे है।‘ मान की घर में मौजूदगी से संतोष की सांस लेते हुए प्रीतम बडबडाया और दौडते हुए मान के उपर पडा कंबल खींच लिया।
जितेन्द्र मान के मुंह और नाक से खून निकल रहा था। साथ ही प्रीतम की नाक में बदबू का तेज  भभका लगा तो ‘ओह माई गॉड’ कहते हुए वह दो कदम पीछे हट गया उसके मुंह से चीख निकल गयी। तब तक गौरव तथा उसकी पत्नी भी समीप आ गए। कमरे में उठ रहे बदबू के झौंकें के कारण उन्होंने अपनी नाक पर रूमाल रख लिए। अब प्रीतम की समझ में आ गया कि क्यों मान का मोबाइल बंद था। नाक और मुंह से खून आने के कारण वो समझ गया कि उसके मन में उठ रहे अनहोनी के ख्याल सच हो गए है। उसने समझा शायद मान ने कोई जहरीली चीज खाई है जिससे उसके मुंह और नाक से खून निकल रहा है।
गौरव ने सोसाइटी के आरडब्लूहए तथा आस पड़ोस के फ्लैट में रहने वाले पड़ोसियों को एकत्रित कर लिया। इसी दौरान प्रीतम ने पुलिस कंट्राेल रूम को फोन करके सूचना दे दी कि एवीजे हाईट सोसाइटी के एच 606 में जितेन्द्र मान की मौत हो गई है। सूचना मिलते ही सूरजपुर कोतवाली के एसएचओ अखिलेश प्रधान अपने उप निरीक्षक सोहनवीर मलिक और हरीराज , कांस्टेबल कृष्ण कुमार, राजेश कुमार,राजेश बाबू को लेकर तत्काल घटनास्थल पर पहुंच गए। तब तक दोपहर के दो बज चुके थे।
घटनासथल पर पहुंचकर जब इसपेक्टर अखिलेश प्रधान ने उस कमरे का निरीक्षण किया जिसमें जमीन पर गद्दे पर मान की लाश पड़ी थी तो बदबू के कारण उन्हें यकीन हो गया कि मान की मौत को कम से कम 24 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका था इसलिए उसकी लाश सड़ने लगी थी और उसमें से बदबू आ रही रही थी।
एसआई हरीराज ने मान के शरीर पर ओढ़े हुए कंबल को पूरी तरह हटाया तो देखा कि नीचे पड़े गद्दो पर खून का सैलाब बना हुआ था। कांसटेबल राजेश कुमार की मदद से जब उन्होंने मान के शव को पलटा तो देखा कि उसकी कमर व गर्दन से खून बह रहा था।
‘सर मामला कुछ और है इसे तो शायद किसी ने गोली मारी है मुंह और नाक से खून कोई विषैला पदार्थ खाने की वजह से नहीं बल्कि शायद गोली लगने की वजह से निकल रहा है।‘ एसआई हरीराज ने कहा।
इंंसपेक्टर अखिलेश प्रधान
इंसपेक्टर अखिलेश प्रधान समझ गए कि मामला उतना सीधा नहीं है जितना वे समझ रहे थे। इंसपेक्टर प्रधान ने तुरंत एसपी सुनीति शर्मा को फोन करके घटना की इत्तला दी जो एसएसपी लवकुमार के शहर से बाहर होने के कारण जिला पुलिस के सर्वोच्च पद की जिम्मेदारी भी संभाल रही थी। एसपी सुनीति शर्मा कुछ ही देर में ग्रेटर नोएडा वन इलाके के सीओ अमित किशाेर श्रीवास्तव तथा फोरेंसिक क्राइम टीम को साथ लेकर घटनास्थल पर पहुंच गई।
जब उन्हें ये पता चला कि मरने वाला जितेन्द्र मान इंटरनेशनल बॉक्सिंग चैंपियन है तो उन्होंने इंसपेक्टर प्रधान को घटनास्थल के निरीक्षण से लेकर हर जांच को बेहद बारीकी से करने के निर्देश दिए। जिस कमरे में मान का शव पड़ा था उस कमरे में शराब की बोतल, सोडा व दो गिलास भी पडे थे। साथ में खाने के झूठे बर्तन तथा पानी का खाली जब रक्खा था। जिसे देखने से साफ था कि मान के साथ पहले किसी ने शराब पी थी और बाद में गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई। हत्यारा जो भी था वह मान का परिचित ही रहा होगा क्योंकि साथ मिलकर शराब कोई अंजान व्यक्ति नहीं पी सकता।
इंसपेक्टर प्रधान को प्रीतम टोकस ने बता दिया कि किस तरह वह पिछले दो दिनों से मान को फोन कर रहा था लेकिन उसका फोन स्विच अॉफ था।
क्राइम टीम ने मौके से संभावित फिंगर प्रिंट और फोटो व वीडियोंग्राफी करने का खत्म कर लिया तो इंसपेक्टर प्रधान ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। इस दौरान प्रीतम ने अपने परिवार के अन्य लोगों और रिश्तेदारों को फोन करके मान की हत्या की सूचना दे दी थी। सूचना पाकर परिजनों के घटनास्थल पर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया और वहां उन्हानें रोनो बिलखना शुरू कर दिया।
एसपी सुनीति शर्मा ने प्रीतम से पूछा-
‘आपकों किसी पर शक है कि किसने मान को मारा होगा।‘
‘नहीं मैम इस बारे में मुझे कोई आईडिया नहीं, क्योंकि मान की न तो किसी से दुश्मनी थी और न हीं मुझे इस बारे में उसने कभी बताया था। उदास और रूंधे गले से  मान ने उत्तर दिया ‘मेरा भाई बहुत सीधा था और उसका ज्यादातर वक्त तो जिम में या मेरे साथ ही गुजरता था ऐसे में पता नहीं किसने उसके साथ ऐसी अनहोनी कर दी।‘
‘सर हमने घर का कोना -कोना छान लिया है मृतक का फोन और पर्स कहीं नही मिल रहा है लगता है मारने वाला फोन और पर्स भी अपने साथ ले गया है।‘ घर की जांच पडताल के काम में जुटे एसआई हरीराज ने एसपी सुनीति और इंसपेक्टर प्रधान को बताया तो वे सोचने पर मजबूर हो गए कि  हत्या करने वाला मान का फोन अपने साथ क्यों ले गया है।‘
‘प्रधान हमे तुरंत इलैक्ट्रॉनिक सर्विलांस पर काम करना होगा।‘ एसपी सुनीति ने कहा और उन्होंने प्रीतम टोकस से मान का मोबाइल नंबर नोट करके अपनी सर्विलांस टीम के कांस्टेबल संजीव कुमार और सुधीर अहलावत को देकर निर्देश दिया कि मान के मोबाइल फोन की पिछले एक महीने की कॉल डिटेल, उसकी लोकेशन तथा तमाम जानकारी जितनी जल्दी हो सके निकालकर इंसपेक्टर प्रधान को दो।
आदेश मिलते ही संजीव और सुधीर इस काम को करने के लिए वहां से रवाना हो गए।
एसपी सुनीति और सीओ अमित किशाेर भी इसके बाद इंसपेक्टर प्रधान को आवश्यक दिशा निर्देश देकर घटनास्थल से रवाना हो गए।
इस दौरान मीडिया में भी ये खबर जंगल की आग की तरह  फैल चुकी थी कि एवीजे हाईटस में 27 साल के जिस युवक का मर्डर हुआ है वो इंटरनेशनल जूनियर बॉक्सिंग चैपियनशिप जीतने वाला मान है। देर शाम तक मीडिया और पुलिस अपने -अपनेे काम में व्यस्त रहे।
उसी दिन यानि 12 जनवरी 2018 की शाम को इंसपेक्टर अखिलेश प्रधान ने प्रीतम टोकस की लिखित शिकायत पर सूरजपुर थाने में अपराध संख्या 40 पर भादसं की धारा 302 में हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया और जांच की कमान खुद अपने हाथ में ले ली।
उन्होंने प्रीतम टोकस से मृतक जितेन्द्र सिंह मान के बारे में सबकुछ बताने के लिए कहा तो प्रीतम ने जो कुछ बताया उसे जानकर इंसपेक्टर प्रधान को भी मान से हमदर्दी पैदा हो गई क्योंकि उसका प्रोफाइल ही कुछ गर्व करने वाला था।
जितेंन्द्र मान का जन्म 12 दिसंबर 1990 को दिल्ली के दिल्ली के अलीपुर गांव में हुआ था। जन्म के दो साल बाद ही जितेन्द्र की मां राजबाला को निधन हो गया था। जब वह दस साल का था तो उसके पिता सत्य प्रकाश  का भी बीमारी के कारण निधन हो गया। परिवार में जितेन्द्र के दो बड़े भाई योगेश व देवेन्द्र है जो विवाहित है वे अलीवुर में ही रहते है। जितेन्द्र की एक बहन भी है जो उससे छोटी है और उसकी शादी हो चुकी है। पिता की मौत के बाद जितेंन्द्र मान अपनी बुआ के पास मुनिरका में आकर रहने लगा। बुआ का लड़का प्रीतम टोकस उससे तीन साल बड़ा और लगभग हम उम्र ही था। इसके बाद दोनों ने एक साथ पढाई की ओर बाद में दिल्ली के दयाल सिंह कालेज से गे्रजुऐशन किया। प्रीतम और जितेन्द्र दोनों के ही परिवारों में ज्यादातर युवा उम्र के बच्चों में कुश्ती और बॉक्सिंग को लेकर न सिर्फ क्रेज था वरन ज्यादातर परिजनों ने इन खेलों को अपना प्रोफेशन और करियर भी बना लिया था। इसीलिए किशाेरावस्था से ही प्रीतम और जीत मान ने बॉक्सिंग खेलना शुरू कर दिया था और नेशनल कोच राजेश टोकस से कोचिंग लेनी शुरू कर दी थी।  1988 में दोनों ने ही हरियाणा में स्टेट बॉक्सिंग में अपना रजिस्ट्रेशन कराया था। वह दिल्ली स्टेट की ओर से ही खेलते थे। मान ने कई चैंपियनशिप खेलते हुए कई गोल्ड मैडल और प्रतियोगिता जीती थीे। उज्बेकिस्तान, क्यूबा, फ्रांस और रूस में वह कई चैंपियनशिप में खेला और देश के लिए गोल्ड तथा सिल्वर मेडल जीते थे। इसी दौरान युवावस्था में मान की नियुक्ति खेल कोटे से आर्मी में हो गई। आर्मी की तरफ से भी उसने कई टूर्नामेंट खेले और बॉक्सिंग में मेडल हासिल किए। मान की जब नियुक्ति आर्मी में बतौर कांस्टेबल हुई थी तो उससे वायदा किया गया था कि उसे जल्द ही तरक्की देकर हवलदार बना दिया जाएगा। लेकिन कई साल पहले बीत जाने पर भी जब उसे तरक्की नहीं दी गई तो सेना से नाराजगी में उसने दो साल पहले नौकरी छोड दी। दो साल पहले 2015 में ही प्रीतम ने ग्रेटर नोएडा के अल्फा कमर्शल बेल्ट स्थित कसाना टावर में अल्टीमेट फिटनेस एकेडमी का नाम से जिम खोला था। सेना की नौकरी छोड़ने के कुछ महीने तो मान अलीपुर में अपने दोनों भाईयों के पास रहा । लेकिन खाली रहने के कारण जल्द ही उसका मन उब गया। तो प्रीतम के कहने पर एक साल पहले मान ने उसके जिम में बतौर ट्रेनर ज्वाइन कर लिया।
एक इंटरने’ानल ट्रेनर के जिम में आने से अल्टीमेट जिम की प्रतिष्ठा काफी बढ गई थी। प्रीतम टोकस कस परिवार चूंकि मुनिरका में रहता था इसलिए उसने एवीजे हाईटस में एक टू बेडरूम का फ्लैट किराए पर लिया हुआ था। जब मान ने उसका जिम ज्वाइन कर लिया तो वह भी प्रीतम के साथ उसी के साथ रहने लगा। दोनों के पास फ्लैट की एक-एक चाभी रहती थी। मान इस बीच कभी कभी अपने भाईयों योगेश और देवेन्द्र से मिलने अलीपुर भी जाता रहता था।

प्रीतम टोकस से हुई बातचीत में ये तो साफ हो गया था कि मान एक स्पोर्टस मैन था उसकी लाइफ में प्रीतम टोकस काफी करीब से जुड़ा था। प्रधान समझ गए कि अगर प्रीतम को नहीं मालूम कि मान की किसी से दुश्मनी है तो ये पता लगाना काफी टेढ़ी खीर होने वाला था। लेकिन उन्हें हर हाल में उसके हत्यारे तक पहुंचना था।
अगले दिन दोपहर होते-होते पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों ने ये रिपोर्ट इंसपेक्टर प्रधान को दे दी कि मान की हत्या गोली मारकर की गई थी उसे चार गोली लगी थी। तीन गोली उसकी पीठ में लगी थी और एक गोली गर्दन में लगी थी। गोली एक दम पिस्तौल से सटाकर मारी गई थी। पोस्टमार्टम से ये भी खुलासा हुआ कि मान की हत्या करीब 48 घंटा पहले यानि 10 जनवरी की दोपहर से शाम के वक्त की गई थी। इसंपेक्टर प्रधान के सामने अब तस्वीर काफी हद तक साफ हो चुकी थी। इसलिए उन्होंनेे 10 जनवरी को घटना का दिन मानकर जांच को आगे बढाना शुरू कर दिया। 
‘हरी राज सोसाइटी के सीसीटीवी से पता करो कि उस दिन सुबह से रात तक मान से उसके कमरे पर मिलने कौन-कौन आया था।‘ इंसपेक्टर प्रधान ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को एक तरफ रखते हुए कहा।
हरीराज ने कांस्टेबल राजेश कुमार को साथ लिया और एवीजे सोसाइटी पहुंच गए। वहां उन्होंने सोसाइटी के रजिस्टर चेक करने के अलावा उस दिन ड्यूटी पर मौजूद गार्डो से पूछताछ की तथा उसके बाद सोसाइटी के छठे तल पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक की। लेकिन सीसीटीवी फुटेज की क्वालिटी इतनी खराब थी कि उससे कोई ज्यादा मदद तो नहीं मिल सकी। लेकिन ये जरूर पता चला कि खुद जितेन्द्र मान 10 जनवरी को करीब साढे ग्यारह बजे सीढियों से चढकर पहले अपने फ्लैट पर पहुंचा था। इसके बाद  12 बजकर 40 मिनट पर कोई मान के कमरे में गया था और वहीं शख्स 4 बजकर 20 मिनट पर वापस निकला था। उसके बाद से मान के कमरे में किसी के जाने की फुटेज नहीं मिली थी। हरीराज ने उस फुटेज की कॉपी अपने कब्जे में ले ली।
इंसपेक्टर प्रधान को तब तक मान के फोन की सीडीआर भी मिल चुकी थी। उन्होंने एसआई सोहनवीर तथा कांस्टेबल राजेश बाबू को फोन कॉल की डिटेल चेक करने के काम पर लगा दिया। इस दौरान उन्होंने प्रीतम टोकस को बुलाकर मान के घर में प्रवेश करने वाले शख्स की पहचान कराने की कोशिश की मगर सीसीटीवी की फुटेज इतनी खराब थी कि बस उसमें आकृति बनी दिखाई पड रही थी उससे ये भी पता नहीं चल रहा था कि कमरे में जाने वाला शख्स स्त्री है या मर्द। प्रीतम टोकस ने इंसपेक्टर प्रधान को बताया कि 10 जनवरी की सुबह सवा ग्यारह बजे मान अल्टीमेट जिम से अपनी सुबह की शिफ्ट पूरी करके निकला था और 15 मिनट बाद ही वह अपने रूम पर पहुंच गया था। करीब पौने दो बजे जब उसने रोहतक से मान को फोन किया था तो वह कमरे पर ही था लेकिन उसने ये नहीं बताया था कि कमरे पर उसके साथ कोई आया हुआ है।
इंसपेक्टर प्रधान समझ गए कि दोपहर पौने दो बजे से चार बजे के बीच ही वो सुबकुछ हुआ जिसके दाैरान मान की हत्या हुई। घटना से ये बात तो साफ थी कि किसी लूटपाट के मकसद से हत्या को अंजाम नहीं दिया गया था। जिस निर्दयता से हत्या की गई वो साफ दरशाता था कि हत्यारा मान को खत्म करने के लिए ही उसके कमरे पर आया था इसीलिए उसने एक दो नहीं बल्कि चार गोलियां मारी। पूरा इत्मीनान होंने के बाद उसने शायद खुद ही मान को उपर से कंबल भी ओढाया होगा।
अाराेपी इमरान व नफीस
लेकिन एक बात हैरत में डालने वाली थी कि हत्यारे ने तीन गोलियां चलाई मगर उसकी आवाज किसी ने नहीं सुनी थी।

इन सवालों की जांच करने पर पता चला कि जिस फ्लोर पर मान का फ्लैट था उस पर मात्र चार फ्लैट ही भरे थे बाकी खाली थे। उन फ्लैट में रहने वाले भी दोपहर के उस वक्त या तो अपने काम पर गए थे अथवा सोसाइटी से बाहर थे। वैसे भी ऐसी सोसाइटी में रहने वाले लोग काफी संवेदनहीन होते है आस पड़ोस में क्या हो रहा है वे इससे ज्यादा सरोकार नहीं रखते। हत्यारे ने जब गोली चलायी होगी तो जाहिर है उस वक्त बाहर के मुख्यद्वार के अलावा बेडरूम का दरवाजा भी बंद होगा इसलिए गोली चलने की आवाज काफी धीमा हो गई होगी।
जांच की कड़ी में इंसपेक्टर प्रधान को मान के मोबाइल की सीडीआर की छानबीन से ये एक महत्वपूर्ण जानकारी मिली कि 17 ऐसे लोग थे जिन्होंने पिछले एक महीने के दौरान मान से तकरीबन हर रोज एक या इससे ज्यादा बार बात की थी। उनकी बातचीत भी काफी लंबी होती थी। ये जानकारी काफी महत्वपूर्ण थी। प्रधान ने इसी कड़ी को आगे बढाने का काम शुरू किया।
उन्होंने उन सभी 17 नंबरों की सीडीआर निकलवायी तो पता चला कि उनमें से एक नंबर प्रीतम टोकस का था और पांच दूसरे नंबर या तो जिम के किसी कर्मचारी के थे या मान के परिवार के किसी सदस्य के थे। इंसपेक्टर प्रधान ने हर शख्स को थाने बुलाकर संतुष्टि कर ली थी कि वो मान से कब और किसलिए बात करते थे। लेकिन 11 नंबर ऐसे थे जिनके कारण प्रधान को लगा कि हत्याकांड के पीछे कहीं न कहीं प्यार मोहब्बत का कोई चक्कर जरूर है। क्योंकि ये सभी 11 नंबर लडकियों के थे और इनमें से आठ उसी जिम की थी जहां जितेन्द्र मान ट्रेनर था। चूंकि जिम में ज्यादातर बड़े परिवार की लडकियों और महिलाए जाती है इसलिए एसपी सुनीति ने खुद उन सभी महिलाओं को अपने अॉफिस बुलाकर मान से फोन करने का कारणों की पूछताछ की।
मगर इन नंबरो में एक नंबर ऐसा था जिसने इंसेपक्टर प्रधान की छठी इंन्द्री को जागृत कर दिया। दरअसल ये नंबर सृष्टि गुप्ता नाम की किसी लडकी का था। फोन ग्रेटर नोएडा की होरिजन सोसाइटी के टी 5/1103 के पते पर रजिस्टर्ड। एसआई हरीराज पुलिस टीम को लेकर जब उस पते पर पहुंचे तो वहां ताला लटका मिला। सोसाइटी की सिक्यूरिटी से पता चला कि सृष्टि गुप्ता स्टूडेंट है और वहां अकेली रहती है। उसके यहां काम करने के लिए मेड भी आती थी। सृष्टि गुप्ता के बारे में इससे ज्यादा कोई सुराग नहीं मिल सका। हरीराज ने सिक्यूरिटी वालों को हिदायत दे दी कि जैसे ही सृष्टि गुप्ता वापस लौटे तो बिना उसे खबर किए पुलिस को सूचना दें।
इधर इंसपेक्टर प्रधान को न जाने क्यों लगने लगा था कि मान के मर्डर से कहीं न कहीं सृष्टि गुप्ता का कोई संबध है। लेकिन क्या संबध है ये तभी पता चल सकता था जब सृष्टि गुप्ता पुलिस के सामने आती और उससे पूछताछ होती। प्रधान ने सृष्टि का फोन सर्विलांस पर लगवा दिया। सृष्टि गुप्ता की तलाश के साथ प्रधान मान हत्याकांड की जांच कुछ दूसरे बिन्दुओं पर पड़ताल करके भी कर रहे थे। लेकिन कहीं से कोई लीड नहीं मिल रही थी।
इस दौरान उन्होंने होरिजन सोसाइटी के रिकार्ड से सृष्टि गुप्ता की फोटो हासिल कर ली थी। काफी खूबसरत और युवा लड़की थी सृष्टि, मरने वाला भी युवा ही था। प्रधान को लगने लगा कहीं न कहीं मामला प्यार मोहब्बत का हो सकता है। इसी बीच 15 जनवरी को होरिजन सोसाइटी के एक सिक्योरिटी गार्ड ने एसआई हरी राज को फोन करके बताया कि सृष्टि गुप्ता अपने फ्लैट पर मौजूद है तो उन्होंने ये बात तत्काल इंसपेक्टर प्रधान को बतायी। प्रधान ने हरीराज से तुरंत सृष्टि को थाने बुलाने के लिए कहा। हरीराज लेडी कांस्टेबल रिचा और मोनिका को साथ लेकर सृष्टि के फ्लैट पर पहुंच गए।
एसआई हरीराज ने मोनिका के फ्लैट पर जाकर उसे बताया कि एक खास मामलें में उसे सूरजपुर थाने चलना है और कुछ पूछताछ करनी है।
‘आपको जो पूछताछ करनी हैं यहीं कर लीजिए सर मैं थाने क्यों चलूं मैंने कौन सा गलत काम किया है।‘
‘मैडम जरूरी नहीं कि जो लोग गलत काम करते हैं वहीं थाने जाते है जरूरी होंने पर शरीफ लोग भी पुलिस की मदद के लिए थाने जाते हैं। अब आप बताईये कि आप खुद चलेगी कि हम अपने तरीके से आपकों थाने ले चले।‘
हरीराज ने पुलिस अंदाज में बात की तो सृष्टि समझ गई कि ऐसी कोई बात जरूर है जिस कारण पुलिस जबरन भी थाने लेकर ही जायगी।
थाने मेंं इंसपेक्टर प्रधान के सामने पहुंचते ही सृष्टि भड़क गई- ‘सर क्या मैं पूछ सकती हूं कि आपनेे किस जुर्म में मुझे इस बेहूदा तरीके से थाने बुलाया है।‘
‘जितेन्द्र मान को कैसे जानती हो।‘
इंसपेेकटर मान ने बिना किसी भूमिका बांधे सृष्टि गुप्ता से सवाल किया।
‘कौन जितेन्द्र मान।‘
‘वहीं जितेन्द्र मान जिससे आप हर रोज फोन पर लंबी-लंबी बात किया करती थी। अल्टीमेट फिटनेस एकेडमी का जिम ट्रेनर।
इंसपेक्टर प्रधान ने सृष्टि के चेहरे पर नजरें गडा दी वे देखना चाहते थे कि जवाब देते वक्त उसके चेहरे पर किस तरह के भाव पैदा होते है।
 सृष्टि
‘जितेन्द्र मान.......ओह वो जितेन्द्र मान.....अच्छा आप मान सर की बात कर रहे हैं.... हां मैं जानती हूं उन्हें ट्रेनर रहे हैं वो मेरे। लेिकन पिछले सितंबर से मैंने जिम में जाना ही बंद कर दिया था।‘ सृष्टि गुप्ता ने जवाब दिया।

प्रधान ने देखा कि जिस वक्त सृष्टि जवाब दे रही थी उनकी नजरों से नजरे हटाकर वो इधर-उधर देखकर जवाब दे रही थी। पुलिस की नौकरी करते हुए न जाने कितने मामलों की जांच के दौरान उन्होंने इस बात का अनुभव लिया था कि झूठ बोलने वाला इंसान कभी नजरें मिलाकर बात नहीं करता।
सृष्टि गुप्ता का झूठ भी उसकी नजरे चुराने से साफ दिखायी पड़ रहा था।
अब वे उन सवालों पर आ गए जिनका जवाब उन्हें मान के कातिल तक पहुंचा सकता था।
‘आप कब से कब तक अल्टीमेट जिम में फिटनेस के लिए गई थी बता सकती हैं।‘
‘मैं मार्च 2017 से सितंबर तक जिम गई थी इसके बाद मैंने जिम छोड़ दिया।‘ सृष्टि ने जवाब दिया।
‘छोड़ने की कोई खास वजह।‘ प्रधान ने अगला सवाल किया।
‘कोई खास वजह नहीं बस यूंही ही छोड दिया.......लेकिन सर मैं ये पूछना चाहती हूंं कि क्या जिम ज्वाइन करना कोई गुनाह है....क्या आपने यही सब पूछने के लिए मुझे थाने बुलाया है।‘
सृष्टि ने जवाब देने के बाद गुस्से में आवाज उंची करते हुए पूछा।
‘चिल्लाईये मत मिस सृष्टि और बनने की कोशिश मत कीजिए कि मैं आपसे ये सवाल क्यों कर रहा हूं।‘ इंसपेक्टर प्रधान का पारा भी अब हाई हो गया - ‘क्या आपकों पता नहीं कि मान का मर्डर हो चुका है। पहले आप ये बताईये कि जब आप सितंबर में जिम छोड चुकी थी तो किसलिए उससे हर रोज फोन पर देर-देर तक बात करती थी।’
प्रधान के आवाज उंची करते ही सृष्टि सकपका गई।
‘जी....जी...वो मेरे अच्छे दोस्त थे इसलिए वो मेरी खैर खबर लेते रहते थे। लेकिन मान सर का मर्डर कब हुआ और कैसे ?‘
सृष्टि गुप्ता जब लडखडाती जुबान से जवाब देते हुए चौंककर उनसे सवाल पूछ रही थी तब प्रधान उसके चेहरे के उडे हुए हर भाव को पढ रहे थे।
उनका विश्वास यकीन में बदलता जा रहा था कि कहीं न कहीं मान की हत्या के तार सृष्टि गुप्ता से जुड़े है।
‘मिस सृष्टि कोई भी इंंसान मामूली दोस्ती और हाल चाल पूछने के लिए हर रोज इतनी देर तक फोन पर बात नहीं करता। 10 जनवरी को जब मान की हत्या हुई उससे एक दिन पहले भी देर शाम को आपने मान को फोन किया था। जान सकता हूं आपकी क्या बात हुई थी।‘
प्रधान अब सृष्टि को सोचने का कोई मौका नहीं देना चाहते थे। उन्होंने सवालों की झडी लगा दी।
‘और आप बता सकती है कि 10 जनवरी को आप 12 बजे से ’ााम पंाच बजे तक कहां थी।‘
एक के बाद एक सवाल से सृष्टि को लगा मानों पुलिस ने उसे ही कातिल ठहराने की ठान ली है।
‘सर एक दिन पहले तो मैंने यूं ही रूटीन में बात की थी..... लेकिन आपकों लगता है कि गुनाहगार मैं हूं तो आप मेरी लोके’ान चेक करा लीजिए मैं उस दिन किसी काम से दुर्गापुरी चौक कुछ सामान खरीदने गई थी।‘
‘ऐसा क्या सामान था जो उसे खरीदने इतनी दूूर गई थी।‘ प्रधान ने पूछा।
‘मैंने अपना कैमरा ठीक होंने के लिए दिया था वहां एक परिचित दुकानदार को, उसी को लेने गई थी।‘ इसके बाद मैं नोएडा में जीआईपी मॉल गई और वहां से घर के कुछ जरूरी सामान खरीदकर रात को घर वापस आ गई थी।
सर आप तो पुलिस वाले हा मेरे फोन की लोकेशन से चेक करा लीजिए कि मैं कहा गई थी।
इंसपेक्टर प्रधान को सृष्टि के उपर शक जरूर था लेकिन उनके पास अभी तक ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं था जिससे वे सृष्टि के साथ सख्ती से पूछताछ नहीं कर सकते। इतने वि’वास से सृष्टि ने जब ये बात कहीं कि उसके मोबाइल की लोकेशन से पता कर लें तो प्रधान का वि’वास एक बार को डगमगाया जरूर कि कहीं सृष्टि पर शक करना उनकी गलती तो नहीं। लेकिन एकाएक उन्हें लगा कि जिस तरह से सारे हालात सृष्टि के खिलाफ है कहीं ने कही वो इस मामलें से जुड़ी जरूर है।
प्रधान ने जब उस दिन उन्होंने सृष्टि से उसके परिवार के बारे में पूछा कि उसके माता पिता कहा रहते हैं तो उसने बता दिया कि वह बुलंदशहर के खुर्जा नगर में वैशाली कालोनी की रहने वाली है जहां उसके माता पिता और पूरा परिवार रहता है। वह ग्रेटर नोएडा में रहकर मासकॉम की पढाई कर रही थी।
दरअसल, प्रधान को मान की हत्या में सृष्टि के शामिल होंने का शक अनायास नहीं हुआ था। उन्होंने उन सभी लडकियों के फोटों हासिल किए थे जिनसे मान फोन पर बात करता था। उन्होंने वे सभी फोटो एवीजे हाईट सोसायटी के गार्डो और अन्य लोगों को दिखाए तो कुछ लोगों ने सृष्टि को पहचानते हुए बताया कि था कि उन्होंने इस लड़को को मान के साथ सोसायटी में कई बार आते-जाते हुए देखा था। बस इसीलिए प्रधान ने सृष्टि को फोकस कर जांच 'शुरू की।
इंसपेक्टर प्रधान को घटनास्थल के निरीक्षण के बाद से ही ये शक हो गया था कि हत्याकांड में किसी लड़की का हाथ है। क्योंकि घटनास्थल से कुछ ऐसी चीजें भी मिली थी जिससे लग रहा था कि मौत से पहले मान ने सेक्स किया है। मान की दोस्ती कई लड़कियों और महिलाओं से थी लेकिन इनमें से कौन हत्याकांड मे शामिल है और किसका उसके रूम पर आना जाना है ये पता लगाना जरूरी था। इसलिए उन्होंने संदेह के दायरे में आयी सभी लडकियों के फोटो सोसाइटी वालों को दिखाए थे। जब सोसायटी वालों ने सृष्टि का फोटो पहचानकर वहां उसके आने जाने की पुष्टि कर दी तो उसके बाद उन्होंने सृष्टि पर फोकस किया था।
उस दिन कुछ और पूछताछ करने के बाद इंसपेक्टर प्रधान ने सृष्टि को हिदायत दी थी कि जब तक ये केस नही सुलझ जाता वह उन्हें बिना बताये शहर छोड़कर कहीं न जायें। अगर जरूरत पड़ी तो उसे पूछताछ के लिए दोबारा भी बुलाया जा सकता है।
सृष्टि के जाने के बाद प्रधान ने एसआई हरी राज और कांस्टेबल राजेश कुमार को चौबीस घंटे सृष्टि के उपर निगाह रखने और उसकी गतिविधियों पर नजर रखने के काम पर लगा दिया। वे खुद पुलिस की एक टीम को लेकर खुर्जा में सृष्टि के बताये उस पते पर पहुंचे जहां उसने अपने परिवार का निवास बताया था।
इंसपेक्टर प्रधान की मुलाकात सृष्टि के पिता सुधीर गुप्ता से हुई जो मोबाइल के सिम कार्ड व मोबाइल रिचार्ज करने का काम करते थे। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। माता पिता के अलावा सृष्टि के परविार में उसकी तीन छोटी बहने और एक भाई थे। सुधीर गुप्ता की माली हालत देखकर कहीं से भी नहीं लग रहा था कि वे अपनी बेटी को इतनी महंगी पढाई कराते हुए अलग से किराए का मकान लेकर दे सकते है।
इन सवालों के जवाब भी प्रधान को मिल गए। दरअसल, सुधीर गुप्ता से बहुत ज्यादा जानकारी तो नहीं मिल सकी । लेकिन इतना जरूर पता चला कि दो साल पहले जब सृष्टि मेरठ यूनिवर्सिटी से बीबीए की पढाई कर रही थी तभी से उनके संबध अपनी बेटी से नहीं हैं। काफी कुरेदने और दबाव डालने के बाद सुधीर गुप्ता ने बताया कि सृष्टि के एक मुस्लिम लड़के से नाजायज संबध बन गए थे। उस मुस्लिम लडके को वह अपना पति बताती थी और उसने ही सृष्टि को कोई मकान लेकर दिया हुआ था। बकौल सुधीर गुप्ता जब उन्होंने इस बात का विरोध किया तो सृष्टि ने उनसे बातचीत बंद कर दी। लिहाजा उन्होंने भी सृष्टि से अपने सारे संबध तोड़ लिए उसके घर आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया। ये जानकारी काफी चौंकाने वाली थी क्योंकि सृष्टि ने पूछताछ में सिर्फ यही बताया था कि वह एक स्टूडेंट है और अकेली रहती है। इसका मतलब उसके ठाट बाट के पीछे उसका वो आ’िाक है जिसने उसे पत्नी बनाकर रक्खा हुआ है। बस इसके बाद थाने वापस आते ही सृष्टि पर अपनी निगाहें जमा दी। 
17 जनवरी की शाम का वक्त था।
एसआई हरीराज को कांस्टेबल राजेश कुमार ने फोन कर बताया कि एक इनोवा गाडी मे सृष्टि गुप्ता अपना सामान रखवा रही है। ऐसा लगता है कि कहीं जाने की तैयारी में है। जानकारी काफी अहम थी।
हरीराज फौरन इंसपेकटर प्रधान के पास पहुंचे।
‘सर लगता है आपका शक ठीक ही था...बॉक्सर मान को शिकार सृष्टि ने किया था। और अब ये शिकार हमारे हाथ से उडन छू होंने की तैयारी कर रहा है।‘
‘ओह अगर वो हाथ से निकल गई तो बड़ी मुश्किल हो जायेंगी....देर मत करो हरीराज भागने से पहले उसे पकड़ना जरूरी है।' कहते हुए इंसपेक्टर प्रधान ने अपने सभी हमराहों को जल्दी से गाडी में बैठने के लिए कहा।
इंसपेकटर प्रधान की गाडी मुश्किल से बीस मिनट में फर्राटें भरती हुई होरिजन सोसाइटी के मुख्यद्वार पर पहुंची तो गेट पर ही मोटरसाईकिल से बाहर निकल रहे राजेश को देखकर उन्होंने गाडी रूकवा ली।
‘सर अभी-अभी सोसाइटी से जो इनोवा गाडी बाहर निकली है सृष्टि उसी में सवार है लगता है पकडे जाने के डर से वो भाग रही है।' राजेश ने हॉफतें हुुए कहा।
इंसपेक्टर प्रधान ने देर नहीं की, जिस तरफ कांस्टेबल राजेश कुमार ने इशारा किया था उसी तरफ उन्होंने गाडी को मुड़वा दिया। करीब दो किलोमीटर आगे जाने पर उन्हें वह इनोवा गाडी दिख गई। फर्राटा भर रही उनकी गाडी ने इनोवा कार को ओवरटेक करके रूकवा लिया। उसमें सृष्टि के साथ दो लोग और भी सवार थे। पूछने पर पता चला उनमें से एक इमरान कुरैशी था जिसे उसने अपना पति बताया। जबकि गाडी को ड्राइव कर रहे शख्स का नाम नफीस था। जिसे इमरान ने अपना ड्राइव बताया। इंसपेक्टर प्रधान तीनों को गाडी समेत थाना सूरजपुर लिवा लाये।
गाडी की तलाशी ली गई तो प्रधान की आंखे फटी रह गई। क्योंकि गाडी में सृष्टि का कुछ जरूरी सामान भरा था। जिसमें उसके खून से सने एक जोडी कपड़ो के अलावा जितेन्द्र मान का पर्स और भी था। जो हत्या के बाद पुलिस को उसके कमरे से गायब मिला था।
‘कहां भाग रही थी सृष्टि जी क्या अब भी आपकों अपनी सफाई में कुछ कहना है। क्या अब भी आप कहेंगी कि मान की हत्या से आपका कोई मतलब नहीं।‘ जरूरी सबूत हाथ में आते ही इंसपेक्टर प्रधान सृष्टि से मुखातिब होते हुए बोले।
सृष्टि ने अपराध बोध में सिर झुका लिया। इसके बाद ज्यादा वक्त नहीं लगा। उसने मान की हत्या का अपराध कबूल कर लिया और हत्याकांड की पूरी परत खुलती चली गई।
मान के हत्यारों की गिरफ्तारी की सूचना मिलने के बाद एसपी देहात सुनिति भी सूरजपुर थाने पहुंच गई। इमरान कुरैशी और सृष्टि ने हत्या की पूरी साजिश का खुलासा उन्हीं के सामने किया।
24 साल की सृष्टि ने बताया कि तीन साल पहले जब वह मेरठ यूनिवर्सिटी से बीबीए की पढाई कर  रही थी तो उसी दौरान वह नोएडा में अर्थ इन्फ्रास्ट्रक्रचर कंपनी के सेल्स डिपार्टमेंट में नौकरी करती थी। वह टेलीफोन पर कॉल करके लोगों को अपनी कंपनी के फ्लैट बेचने का काम करती थी।
एक दिन उसने इमरान कुरैशी नाम के व्यक्ति को फोन करके जब अपनी कंपनी के फ्लैट के अॉफर के बारे में बताया तो इमरान को उसकी दिलकश आवाज और बात करने के अंदाज ने काफी आकृषित किया।
‘मैडम फ्लैट तो हम खरीद लेंगे लेकिन पहले ये बताईयें की आप रहने वाली कहां की हैं।‘
इमरान ने पूछा।
‘आप कुछ ज्यादा ही पर्सनल हो रहे हैं सर.....पहले ये बताईये कि आपकों हमारे अॉफर कैसे लगे।‘सृष्टि ने टालने वाले अंदाज में कहा।
‘देखिए मैम हमे आपका हर अॉफर अच्छा लगा। लेकिन आप हमे ज्यादा अच्छी लगी। आपकी सेल करवा देंगे अगर आप हमसे दोस्ती कर लें तो।‘
सृष्टि को उम्मीद बंधी कि शायद क्लाइंट उसके जाल में फंस गया है। चंचल स्वभाग की वो थी। काम निकालने के लिए हंसकर मुस्कराकर और दिलकंश अंंदाज में बात करने की कला उसे खूब आती थी। लिहाजा उसने कहा- ‘अरे सर आपसे बात हो रही है तो मान लीजिए दोस्त तो हम हो ही गए आपके ....बाई दी वे मैं खुर्जा की रहने वाली हूं।‘
‘अरे ये तो गजब हो गया....मैं भी खुर्जा में ही रहता हूं....आप कहा रहती हैं खुर्जा में।‘ इमरान ने खुशी का इजहार करते हुए पूछा।
सृष्टि भी उत्सुकता में बात को आगे बढाने से रोक न सकी- ‘जी मैं वैशाली कालोनी में रहती हूं।‘
‘सृष्टि जी मजा आ गया आपसे दोस्ती करके मैं मौ० तरीनान की गली नंबर 7 की किला मस्जिद के पास रहता हूं।‘ इमरान ने कहा।
बात जब शुरू हुई तो काफी आगे बढ गई। इमरान ने सृष्टि का पर्सनल मोबाइल नंबर ले लिया और कहा कि वह पहले उससे पर्सनल मुलाकात करेगा उसके बाद वह उसकी कंपनी में इन्वेस्ट करने का प्लान करेगा।
सृष्टि को उन दिनो 20 हजार रूपए तनख्वाह मिलती थी जिसमें वह नोएडा में एक कमरा लेकर रहती थी और साथ ही नौकरी व बीबीए की प्राईवेट पढाई भी करती थी। उस दिन इमरान से हुई बातचीत वहीं खत्म नहीं हुई। इमरान अक्सर फोन पर उससे बातचीत करने लगा। और एक दिन उससे मिलने भी आ गया।
इमरान न तो बहुत सुंदर था न ज्यादा पढ़ा लिखा था। लेकिन उसके शरीर महंगा लिबास था। अंगुलियों में हीरे और सोने की महंगी कीमती अंगुठिया थी और गले में लटकी सोने की मोटी कीमती चैन पहने इमरान सकोडा गाडी में सवार था। देखकर ही लगता था कि वह कोई अमीर जादा है। पहली ही मुलाकात में इमरान ने सृष्टि से मुलाकात के बाद महंगे रेस्टरा में खाना खाया और उसके बाद हजारों रूपऐ की शॉपिंग कर कीमती उपहार दिलाए। पहली ही मुलाकात में इमरान के रईसाना अंदाज से सृष्टि इमरान से प्रभावित हुए बिना न रह सकी। इसके बाद वे अक्सर मिलने लगे। दोनों के बीच करीबी भी आ गई।
इमरान ने एक दिन मन की बात कह दी।
‘सृष्टि बहुत हो गई नौकरी अब तुम मेरी बनकर रहो और बस ऐश करो...मैं नहीं चाहता कि मेरी दिलरूबा कहीं दो टके की नौकरी करें किसी की गुलाम बनकर रहे।‘ 
सृष्टि समझ चुकी थी कि एक तरफ सिसक कर जिंदगी जीने से अच्छा एक अमीर इंसान की प्रेमिका बनकर ऐश से जिंदगी गुजारना ज्यादा अच्छा है। इसलिए उसने इमरान का अॉफर स्वीकार कर लिया। इसके बाद ढाई साल पहले इमरान ने उसे हाेरिजन सोसाइटी में एक किराए का फ्लैट लेकर दे दिया। उसे 50 हजार रूपए खर्च के लिए देने लगा। बदले में वह अक्सर उसकी बाहों में वक्त गुजारने के लिए दूसरे तीसरे दिन आता रहता था। इमरान को पैसे की कमी नहीं थी। भरा पूरा परिवार था। सात भाई थे । सभी का मीट का कारोबार था। खुद भी शादीशुदा था चार बच्चे भी थे। लेकिन जिंदगी में पढी लिखी और हसीन माशूका नही थी। लेकिन सृष्टि ने वो कमी पूरी कर दी थी। इसके बाद जब भी वह सृष्टि को कहीं ले जाता तो उसका परिचय अपनी पत्नी के रूप में ही देता था। सृष्टि भी उसका परिचय अपने पति के रूप में ही कराती थी।
इमरान के सृष्टि की जिंदगी में आतेे ही उसके माता पिता को बेटी के बदले अंदाज और ठाट बाट भरी जिंदगी को देखकर लगने लगा कि हो न हो बेटी किसी गलत राह पर चल पडी है। लिहाजा उन्होंने जब पूछा तो सृष्टि ने बता दिया कि उसने इमरान नाम के एक व्यक्ति से शादी कर ली है और वह उसी के दिए गए मकान में गे्रटर नोएडा में रहती है। इसके बाद परिवार से सृष्टि  के संबध बिगड गए। क्योंकि सृष्टि के लिए पैसा और ऐश भरी जिंदगी ज्यादा मायने रखती थी न कि परिवार के साथ रहकर गुरबत और मुसीबत की जिंदगी गुजरना।
वक्त ऐसे ही गुजरता रहा। इमरान सृष्टि गुप्ता के उपर पैसा लुटाकर उसके साथ ऐश करता रहा और सृष्टि अपनी हर ख्वाहिश को अपने जिस्म को इमरान के हवाले कर पूरा करती रही। इसी बीच उसने बीबीए की पढाई भी पूरी कर ली थी। अब उसने ग्रेटर नोएडा में ही एक प्राईवेट कालेज में मॉसकाम की पढाई के लिए दाखिला ले लिया था। मार्च के महीने में ही उसने अल्टीमेट जिम ज्वॉइन किया था। जहां उसने फार्म में अभिभावक की जगह भी पति के तौर पर इमरान का ही नाम लिखवाया था।
जुलाई महीने मे जिम में ही उसकी मुलाकात कुछ समय पहले आये नए ट्रेनर जितेन्द्र मान से हुई जिसे सब मान सर कहकर बुलाते थे। मान खूबसूरत भी था और जवान भी। इमरान से उसकी जरूरते जरूरी पूरी होती थी। लेकिन हमेशा से मान जैसे किसी हैंडसम से दोस्ती की ख्वाहिश में सृष्टि जल्द ही मान के करीब हो गई। वैसे भी सृष्टि जिस खुले और बिंदास तरीके से जिंदगी जीती थी उसमें कोई जवान इंसान उसकी तरफ सहज ही आकृषित हुए बिना नहीं सह सकता था।
सृष्टि और मान जल्द ही एक दूसरे से खुल गए। इसके बाद दोनों के बीच जल्द ही जिम के बाहर भी मिलने-मिलाने का सिलसिला चल निकला। एक वक्त ऐसा भी आया जब मान सृष्टि से मिलने के लिए उसके फ्लैट पर जाने लगा। ये सिलसिला इतना लंबा चला कि एक दिन घर में काम करने वाली नौकरानी के जरिए और सृष्टि के फोन की कॉल डिटेल देखकर इमरान को ये शक हो गया कि उसके अपने जिम के ट्रेनर से अवैध संबध हो गए है। दरअसल ग्रेटर नोएडा में इमरान के कुछ ऐसे भी लोग थे जिन्हें वह कई बार खाने पीने के लिए सृष्टि के फ्लैट पर भी बुलाता रहता था। उन्हीं में से एक दोस्त ने सृष्टि को एक दो बार नोएडा के एक मल्टीप्लेक्स और रेस्तरा में मान के साथ हाथ में हाथ डालकर घूमते हुए देख लिया था। बस इतना सुनकर इमरान के तन मन में आग लग गई। क्योंकि उसे ये कतई बर्दा’त नहीं हुआ कि वह जिस लडकी को अपनी जान से ज्यादा चाहता है उसकी हर ख्वाहिश और जरूरत पूरी करता है वह किसी और से प्यार की पेंग बढाए।
इमरान ने जब सृष्टि से मान के साथ चल रही उसकी प्रेम कहानी को लेकर सवाल किया तो सृष्टि को लगा कि उसके सोने की चिडिया उसके हाथ से निकल जायेगी। इसलिए उसने इमरान को कहानी सुना दी कि सिंतबर महीने में एक दिन मान ने उसे फोन करके पूछा था कि वह कहा है।
'तो मैने बोल दिया कि घर पर ही हूं।'
मान सर ने कहा कि मैं भी तुम्हारी सोसाइटी के पास ही हूं अगर काफी पिलाओं तो तुम्हारे घर आउं।
मैं इंकार नहीं कर सकी और उन्हें घर आने के लिए इनवाइट कर दिया। लेकिन जब वे घर आऐ तो उन्होंने मेरी काफी में किसी बहाने मुझे वहां से भेजकर कुछ नशीली चीज मिला दी। इसके बाद काफी पीने पर मैं बेहोश हो गई और मान ने मेरे साथ रेप किया। उसने रेप की ये क्लिप वीडियों में रिकार्ड कर ली। मान ने इसके बाद से मुझे ये क्लिप दिखाकर ब्लैकमेल करके अपने साथ घूमने फिरने पर मजबूर कर दिया। वह सामान भी खरीदता तो उसका बिल भी मुझसे ही दिलवाता।
सृष्टि का त्रियाचरित्र दिखाना काम आ गया।
‘उस साले बॉक्सर को मैं जिंदा नहीं छोडूगां। उसे तुम्हारें साथ किए गए अपराध की सजा भुगतनी होगी।‘ इमरान का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंंच गया।
सृष्टि समझ गई इमरान को ये सब बताकर उसने गलती कर दी है। लेकिन अपने झूठ को छिपाने के लिए उसे अब इमरान के कहे मुताबिक ही करना था। इसके बाद इमरान ने एक दिन उससे कहा कि अगर वह मान से प्यार करती है तो वह उसे मार देगा अगर वाकई मान ने उसके साथ गलत किया है तो वह खुद उसे अपने हाथों से गोली मारेगी।
मान से प्यार करने की बात तो सृष्टि कबूल नहीं कर सकती थी। इसलिए उसने कहा कि वह मान को ही गोली मार देगी। उसने दिखावे के लिए एक दो बार इमरान के सामने मान को फोन भी किया और कहा कि वह अपने मोबाइल फोन से उसकी वीडियों डिलीट कर दें। लेकिन मान हमेशा इस वीडियों क्लिप को एक याद बताकर बात को टाल देता था।
इसके बाद से इमरान ने मान की हत्या की साजिश  रचनी शुरू कर दी।
इसके लिए इमरान फुलप्रूफ योजना तैयार करने गला ताकि वह और सृष्टि पकड में भी न आएं और मान का काम भी तमाम हो जाएं।
उसने छह राउंड का एक देशी पिस्तौल खरीदा और लाकर सृष्टि को दिया। उसने सृष्टि को बताया कि किस तरह पिस्तौल चलता है।
उसने योजना के मुताबिक व्हाटसएप  पर चैट करके 9 जनवरी को सृष्टि से कहा कि वह मान से फोन पर बात करे और उससे अगले दिन 10 जनवरी को मिलने का प्रोग्राम सैट करें। सृष्टि ने ऐसा ही किया। उसने मान से बात की और कहा कि अगर कल कोई कमरे पर नहीं है तो वो उससे मिलने उसके कमरे पर आना चाहती है।
मान ने भी कह दिया कि वह बारह बजे तक कमरे पर आ जायेगा। वह उसके बाद कभी भी कमरे पर आ जाये। इसके बाद साजिश को कैसे अंजाम देना था इसके लिए इमरान ने सृष्टि से व्हाटसएप पर पूरी बात की। तय की गई प्लानिंंग के मुताबिक अगले दिन सुबह इमरान अपने ड्राईवर नफीस को लेकर ग्रेटर नाेएडा पहुंचा। लेकिन वह अपना मोबाइल को खुर्जा में जानबूझकर अपने घर पर ही छोड आया। नफीस ने इमरान को डीएलएफ माल छोडा जहां उसने एक मल्टीप्लेक्स में फिल्म देखकर अपना समय गुजारा। उसे छोडने के बाद नफीस होरिजन सोसाइटी पहुंचा जहां सोसाइटी के बाहर पहले से ही सृष्टि उसका इंतजार कर रही थी।
इमरान की योजना के मुताबिक सृष्टि ने अपने दोनों फोन नफीस को दे दिए। जिन्हें लेकर नफीस दिल्ली के शाहदरा और दिलशाद गार्डन होता हुुआ दुर्गापुरी चौक पहुंचा। वहां एक दो फोन सृष्टि के फोन पर आए तो उसने उन कॉल को रिसीव जरूर किया लेकिन अपनी तरफ से कोई उत्तर नहीं दिया ताकि ये साबित हो जाये कि सृष्टि मान के कमरे में न होकर दिल्ली में मौजूद थी।
दूसरी ओर सृष्टि करीब 10 जनवरी को करीब पौने बारह बजे मान के कमरे पर पहुंची।
इमरान की पिस्टल लेकर सृष्टि 10 जनवरी को दोपहर करीब साढे बारह बजे आटो से जितेंद्र मान के फ्लैट पर पहुंची। दोनों ने वोडका शराब पी और साथ में खाना भी खाया। सृष्टि ने अपनी अश्लील विडियो क्लिप को फोन से डिलीट करने की मनुहार करते हुए मान को खुश करने के लिए उसके जिस्म की प्यास भी बुझाई। लेकिन इसके बावजूद मान ने सृष्टि की बात को अनसुना कर दिया। और दूसरी पीठ करके करके मुंह के बल बेड पर लेट गया। सृष्टि को लग गया कि मान ऐसे नहीं मानेगा अब उसकी मौत ही आखरी रास्ता है लिहाजा उसने बैग में रखी पिस्टल निकाली और बिस्तर पर खड़ी होकर ताबड़तोड़ चार गोली जितेंæ की पीठ की तरफ दाग दी। सृष्टि ने हत्या करने के बाद मान के शव के उपर कंबल डाल दिया ताकि पहली नजर देखने पर यहीं लगे कि वह सो रहा है।
सृष्टि अपने साथ बैग में एक जोड़ी कपड़े लेकर गई थी। पहने हुए कपड़े चूंकि खून में सन गए थे। इसलिए जब उसके कपड़ो पर खून के कुछ छीटें पड गए तो उसने बाथरूम में जाकर साथ लाये कपड़ो को बदला और खून से सने पहने हुए कपड़ो को निकालकर अपने बैग में रख लिया। सृष्टि ने इसके बाद मान का मोबाइल और पर्स उठाकर अपने बैग में रख लिया। मोबाइल का स्विच आफ करके अपने बैग में रखने से पहले सृष्टि ने मान के मोबाइल से उसकी तरफ से एक मैसेज जिम के मोबाइल पर किया जिसमें उसने मान की तरफ से लिखा कि जरूरी काम से बाहर जा रहा हूं शाम को जिम नहीं आ सकूंगा। इसके बाद सृष्टि जब मान के फ्लैट से बाहर निकली तो उससे पहले उसने अपने सिर व चेहरे को स्कार्फ से अच्छी तरह से ढक लिया ताकि आसानी से कोई उसे पहचान न सके। उसने फ्लैट की चाभी अंदर से उठा ली थी जिससे उसने मुख्यद्वार को बाहर से लॉक किया और चाभी बैग में रख ली। उस वक्त चार बजकर 40 मिनट का वक्त था जब सृष्टि लिफ्ट के रास्ते नीचे उतरी और सोसाइटी से बाहर आ गई। यह वक्त ऐसा होता है जब लोगों का आवागमन काफी होता है इसलिए सोसाइटी के किसी गार्ड का उसकी तरफ ध्यान नही गया। सोसाइटी के बाहर आकर कुछ दूर चलकर सृष्टि ने एक आटो लिया और डीएलएफ मॉल पहुंची। वहां पहले से तय प्रोग्राम के मुताबिक  इनोवा गाडी लेकर नफीस भी पहुंचा चुका था और उसका इंतजार कर रहा था। गाडी में इमरान कुरैशी भी मौजूद था।
‘सब काम ठीक से हो गया।‘ इमरान ने उत्साहित होकर पूछा
‘हां एकदम ठीक तरीके से ही हुआ है।‘ गाडी के भीतर बैठते हुए सृष्टि ने जवाब दिया।
‘किसी ने देखा तो नही।‘
‘नही सबकुछ प्लान के मुताबिक हुआ है।‘ सृष्टि ने जवाब दिया।
इमरान के ड्राईवर नफीस ने सृष्टि के दोनों फोन उसे वापस लौटा दिए।
इसके बाद सृष्टि और इमरान गाडी से ही वहां से निकलकर दुर्गापुरी चौक पहुंचे और वहां एक कैमरा रिपेयर की दुकान से सृष्टि ने अपना कैमरा लिया। जो उसने ठीक करने के लिए दिया था। उसी इलाके से उसने कुछ लोगों को फोन किए ताकि उसके मोबाइल की लोकेशन तब तक उस इलाके की आ सके। बाद में दोनों ग्रेट इंडिया पैलेस मॉल पहुंचे। वहां इमरान तो गाडी में ही बैठा रहा लेकिन सृष्टि ने अंदर जाकर कुछ शॉपिंग की और बिल संभाल कर रख लिए। वहां भी उसने कुछ लोगों से फोन पर बात की। कुछ देर वहां समय बिताने के बाद वे तीनों दनकौर नहर की तरफ गए जहां सृष्टि ने मान का मोबाइल तोड़कर उसके फलैट कर चाभी के साथ नहर में डाल दिया। इसके बाद तीनों ग्रेटर नोएडा में होरिजन सोसाइटी पहुंचे और वहां सृष्टि को छोड़ने के बाद इमरान अपने ड्राईवर नफीस के साथ खुर्जा बुलंदशहर चला गया। 
अगले दिन से सृष्टि व इमरान अखबाराें और टीवी चैनलों में चल रही मान हत्याकांड की खबरों के जरिए पुलिस की गतिविधियों पर नजर रखने लगे। 15 जनवरी को जब इंसपेक्टर प्रधान ने बुलाकर सृष्टि से पूछताछ की तो उसने ये सारी बात इमरान को बतायी और कहा कि शायद पुलिस को उस पर शक हो गया है। इसलिए अब वहां रहना ठीक नहीं है। तो इमरान ने योजना बनायी की वह पहले सृष्टि को वहां से हटा दगो इसके बाद वह उस मकान को खाली कर देगा। इसलिए इनोवा कार लेकर वह सृष्टि के फलैट पर पहुंचा उसके जरूरी सामान गाडी में रखकर वह ड्राईवर नफीस और सृष्टि के साथ उसकी सोसाइटी से निकला ही था कि पुलिस की गाडी ने उसे घेर लिया और उन तीनों को थाने ले आयी। पुलिस ने जब इनोवा की तलाशी ली तो गाडी से कब्जे से न सिर्फ वो पिस्टल बरामद हो गई जिससे मान को गोली मारी गई थी अपितु सृष्टि के खून से सने कपड़े और मान को वो पर्स भी बरामद हो गया जिसे सृष्टि घटनास्थल से उठा लायी थी। इसके बाद सृष्टि के पास अपने बचाव में कहने के लिए कुछ बचा नहीं था। लिहाजा थाने पहुंचते ही जब इंसपेक्टर प्रधान ने उससे

पूछताछ की तो उसने कबूल कर लिया कि उसी ने मान की गोली मारकर हत्या की थी। उसने बताया कि मान की हत्या उसने इसलिए की थी कि जब मान पहली बार उसके फलैट पर आया था तो उसने उसे काफी में मिलाकर कोई नशीली चीज खिला दी थी। जिसके कारण वह बेहोश हो गई। नशे की उसी अवस्था में मान ने उसके साथ सेक्स किया और अपने फोन से उसकी वीडियों क्लिप बना ली। सृष्टि ने पुलिस को बताया कि जब उसे होश आया तो उसका मान के साथ काफी झगड़ा हुआ। लेकिन मान ने उस वक्त उससे माफी मांग ली और कहा कि उसने उन दोनों की एक बहुत अच्छी फिल्म बनायी है। फिर उसने सृष्टि को वह वीडियों फिल्म भी दिखायी जो उसने बनायी थी। बकौल सृष्टि इसी के बाद से मान जब तब उसे ब्लैकमेल करते हुए अक्सर जबरन शारीरिक संबध बनाने के लिए मजबूर करता रहता था।
एसपी सुनीति और इंसपेक्टर प्रधान ने इमरान, सृष्टि और नफीस से पूछताछ उनको साथ ले जाकर दनकौर की उस नहर में खोजबीन करायी जहां उन्होंने मान के फोन व घर की चाभी को फेंकने की बात कहीं थी। लेकिन काफी प्रयास के बाद भी इन दोनों चीजों को बरामद करने में उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। इंसपेक्टर प्रधान ने सृष्टि और इमरान के दो -दो मोबाइल फोन के साथ नफीस के फोन को कब्जे में लिया था। जिनमें उन तीनों के बीच हत्याकांड की साजि’ा और उसे अंजाम देने के लिए व्हाटस एप से की गई चैट का वो रिकार्ड मौजूद था। प्रधान ने फोरेंसिंक टीम से कहकर उस चैट की कॉपी सेव करवा ली तथा उनके मोबाइल फोरेंसिक टेस्ट के लिए भिजवा दिए। मान के खून से सने सृष्टि के कपड़े जो पुलिस ने मान के पर्स के साथ बरामद किए थे उन्हें भी जांच के लिए फोरेंसकि प्रयोगशाला भेज दिया गया। मान के शरीर से निकली गोलियों से मिलान के लिए बरामद किए गए पिस्तौल को ब्लैस्टिक एक्सपर्ट को भेज दिया गया। सृष्टि, इमरान और नफीस की गिरफ्तारी की औपचारिकता को पूरी करने के बाद उन्हें गौतमबुद्धनगर सीजेएम  की कोर्ट में पेश कर दिया गया जहां से तीनों को न्यायिक हिरासत में गौतमबुद्ध नगर जेल भेज दिया गया।



बॉक्स

गले नहीं उतरती अशलील वीडियों क्लिप की थ्योरी

हालांकि सृष्टि ने पुलिस खुलासे में ये आरोप लगाया कि मान ने कुछ महीना पहले उसके घर पर उसके साथ रेप किया था और उसकी अश्लील वीडियों क्लिप बना ली थी। लेकिन पुलिस अधिकारियों के साथ जितेन्द्र मान के फुफेरे भाई प्रीतम टोकस तयेरे भाई राहुल के गले से ये आरोप नहीं उतर रहे है। वे कह रहे हैं कि इमरान की निगाहों में खुद को पाक साफ बताने के लिए खुद को चरित्रवान साबित करने के लिए उससे ये झूठ बोला। प्रीतम टोकस कहते हैं, सृष्टि चंचल स्वभाव की लड़की थी उन्हें शक है कि उसने खुद ही मान को अपने रूपजाल में फंसाकर उससे संबध बनाए होंगे। उनका तर्क है कि अगर मान भी लिया जाए कि मान ने सृष्टि की कोई अ’लील वीडियो बना ली थी। तो वह पुलिस से शिकायत कर सकती थी। इमरान को उसने ये बात बतायी तो उसका तथाकथित पति होंने के नाते वह भी पुलिस से मान की शिकायत करके मान को गिरफतार करवा सकता था।
लेकिन दोनों ने ही ऐसा नहीं किया। हत्या वाले दिन जब सृष्टि, मान से उससे मिलने के लिए कमरे पर गई थी तो मान के पीठ करके लेटते समय मौका देखकर उसका मोबाइल लेकर भाग जाती या उससे वीडियों क्लिप डिलीट कर देती। प्रीतम टोकस कहते है कि कुछ दिन पहले तक वह खुद मान के साथ रहता था। कभी कभी वह अपने फोन में नेटवर्क नहीं होंने के कारण मान का मोबाइल भी यूज कर लेता था जिसे वह सहज ही दे देता था। अगर उसके फोन में किसी की प्राइवेट क्लिप होती तो कभी भी वो अपना फोन यूज करने के लिए आसानी से नहीं देता। उनके मुताबिक जब तक वे मान के साथ रहे उन्हें नहीं लगता कि सृष्टि उससे मिलने उस मकान में कभी आयी होगी। वे सवाल उठाते है कि किसी लडकी के साथ कोई तभी घूम फिर या शारीरिक संबध रख सकता है जब इसमें लडकी की सहमति हो। 
प्रीतम टोकस आरोप लगाते हैं कि सच्चाई या तो उनका भाई जीतमान जानता था जो अपनी सफाई देने के लिए अब दुनिया में नहीं है। जबकि सृष्टि गुप्ता झूठ बोलकर सच्चाई को गलत तरीके से पेश कर रही है।

कथा पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के नाटय रूपातरंण पर आधारित 

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